June 26, 2024     Select Language
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नोट बंदी ने चार साल बाद ऐसे तोड़ा मूक-बधिर माँ का बेटी की शादी का सपना

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कोलकाता टाइम्स :

पनी बेटी की शादी का सपना सजोये एक मूक-बधिर माँ दिल चकनाचूर हो गया जब उसे पता चला की चार साल पहले ही उसकी जमा पूंजी बेकार हो गए हैं। मिट्टी में गाढ़कर रखे हुए 35 हजार रुपए के नोट नहीं चलने की खबर सुनकर एक दिव्यांग माता-पिता के गहरी चिंता में डूब जाने का मामला सामने आया है। तमिलनाडु के नागई जिले के सिर्काली के निकट स्थित पट्टियेडू गांव निवासी राज (58) मजदूरी करता है। उसकी पत्नी उषा (52) और बेटी विमला (17) हैं।

उषा और विमला दोनों मूक हैं। पति-पत्नी मनरेगा के तहत मजदूरी करते थे। पिछले 10 वर्षों से उषा अपनी बेटी की शादी के लिए पति को बताए बिना 500 और 1000 रुपए के नोट जमा करती रही। उषा ने ये सभी नोट और एक ग्राम सोना एक प्लास्टिक कवर में सुरक्षित लिपटकर पति को बताए बिना मकान के पिछले हिस्से में एक गड्ढे में गाढ़कर रख दिया। इस बीच, नवंबर 2016 में केंद्र सरकार ने पुराने 1000 और 500 रुपये के नोट रद्द कर दिया, लेकिन मूक मां और बेटी इस बात को समझ नहीं पाए।

इस बीच, राज्य सरकार से मिली वित्तीय सहायत से राज अपनी झोपड़ी की जगह पक्का मकान बनाने का काम शुरू किया। गत शुक्रवार को कुछ मजदूर झोपड़ी जगह मकान बनाने के लिए खुदाई शुरू की तो पिछले हिस्से में प्लास्टिक कवर में रखे हुए नोट मिले। प्लास्टिक कवर को देखकर उषा ने इशारा करते हुए बताया कि उसने बेटी विमला की शादी के लिए छिपाकर रखे हैं।मजदूरों ने बताया कि अब ये नोट नहीं चलेंगे, क्योंकि सरकार ने चार साल पहले ही इन्हें रद्द कर दिया है। यह बात सुनते ही उषा और विमला अवाक् रह गए। राज-उषा दंपती ने कहा कि उनकी बेटी की शादी के लिए अब उनके पास कुछ भी नहीं है। वे राज्य सरकार से इन पुराने नोटों को बदलने में उनकी मदद करने की गुहार लगा रहे हैं।

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