टाई से जुड़े इस धर्मयुद्ध इतिहास को जानकर चौंक जाएंगे आप
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कोलकाता टाइम्स :
आपने यह जरूर सुना होगा की टाई बांधने से हमारा व्यक्तित्व निखरता है और हमारी ओर देखने वाले लोगों का नजरिया हमारे प्रति एक सजग व्यक्तित्व वाले व्यक्ति के रूप में बनता है। जिसका काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पर क्या आप जानते हैं कि टाई की शुरुआत कहाँ से हुई और इसका चलन कहाँ से प्रारम्भ हुआ है।
यदि आप टाई का इतिहास जानना चाहते हैं तो आपको यूरोप की एक ऐतिहासिक यात्रा पर चलना होगा और पहुंचना होगा उस धर्मयुद्ध के पास, जो यूरोप के इतिहास का सबसे भीषण युद्ध साबित हुआ। यह बात 1618 से 1648 के समय की है, जब समूचा यूरोप प्रोटेस्टेंट और कैथोलिकों के बीच युद्ध में उलझा था। एक तरफ कैथलिक हब्सबर्ग थे, तो दूसरी तरफ प्रोटेस्टेंट।
इस युद्ध मोर्चे के दौरान क्रोएशियाई के अस्थायी सैनिकों ने अपनी अलग पहचान के लिए टाई पहननी शुरू की। टाई पहले भी पहनी जाती थी, एक तरफ यूरोप युद्ध में उलझा था, तो दूसरी तरफ युद्धरत प्रोटेस्टेंट और कैथोलिको के बीच पहनावे को लेकर कोई अंतर न था। पर सही मायने में लुईस द ग्रेट ने इसकी शुरुआत 1646 के आसपास की। इस युद्ध के आखिरी के तीन वर्षों के दौरान फ्रांस के 7 वर्षीय राजा लुई चौदहवें यानि लुई-द ग्रेट ने इसे अपना लिया और देखते ही देखते समूचे फ्रांस ने इस वेशभूषा को अपना लिया।