चीन बुन रहा जाल : भारत में आयी इन थिंक टैंकों की बाढ़, सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी
कोलकाता टाइम्स :
चीन को आर्थिक मोर्चे पर घायल करने के बाद अब नई दिल्ली की नजरें ऐसे संगठनों-समूहों पर हैं, जो भारत में रहकर चीन के एजेंडे को आगे बढ़ाने के मंसूबे रखते हैं। पिछले कुछ वर्षों में चीन-आधारित थिंक टैंकों की भारत में बाढ़ आ गई है। ऐसा माना जाता है कि ये थिंक टैंक भारत में चीनी दूतावासों के इशारों पर काम करते हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की आकलन रिपोर्ट के अनुसार, एक समाजसेवी एवं शिक्षाविद द्वारा ‘भारत चीन संबंधों’ पर थिंक टैंक बनाया गया है, जिसके चीनी दूतावास से करीबी रिश्ते होने का शक है। चीन भारतीय शिक्षण संस्थानों में ‘चाइना स्टडी सेंटर’ स्थापित करने की योजना पर भी काम कर रहा है। जबकि कुछ थिंक-टैंक सामाजिक कार्यों की आड़ में चीनी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।
चीन ने विदेशी नागरिकों का ब्रेनवॉश करने के लिए ‘स्टडी द पावरफुल कंट्री’ नामक एक ऐप भी विकसित किया है। बीजिंग भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के नाम पर दुनिया भर में कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स का व्यापक नेटवर्क स्थापित कर रहा है। हालांकि, अब ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों को उसकी यह साजिश समझ आने लगी है। हाल ही में, भारत और अमेरिकी सरकारों ने इन संस्थानों के कामकाज की जांच के आदेश दिए थे। कुछ दिन पहले ट्रंप प्रशासन ने कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स को विदेशी मिशन करार दिया था और राजनयिक मिशनों पर लगाए गए प्रतिबंधों के समान प्रतिबंध लगाये थे।
भारतीय शैक्षिक क्षेत्रों में चीनी घुसपैठ किस कदर बढ़ गई है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पूर्वोत्तर का एक प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान चीन में व्यवसायों के प्रबंधन से जुड़ा एक पाठ्यक्रम चला रहा है।’