किस्मत ही नहीं लौटाती, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं यह क्रिस्टल
कोलकाता टाइम्स :
इन दिनों कोरोना वायरस का कहर भारत सहित पूरी दुनिया में चल रहा है। इस वायरस से बचाव के लिए अब तक कोई वैक्सीन या दवाई इजाद नहीं हो सकी है, ऐसे में सभी देश अपने-अपने नागरिकों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। भारत में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाइयां, काढ़ा और पौष्टिक खानपान अपनाया जा रहा है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या क्रिस्टल भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं। इसका जवाब है हां। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की मजबूती के लिए अनेक प्रकार के रत्न और उनके उपरत्न धारण करवाए जाते हैं। ये रत्न ग्रहों को संतुलित तो करते ही हैं ये व्यक्ति की मानसिक स्थिति मजबूत बनाकर उनमें आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करते हैं। दरअसल क्रिस्टल का काम उससे संबंधित ग्रह की ऊर्जा जो व्यक्ति के शरीर में कम मात्रा में पहुंच पा रही है, उस ऊर्जा का फ्लो व्यक्ति के शरीर और उसके आसपास के औरा में बढ़ाना होता है। इससे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती हैं। यदि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो एक छोटा सा घाव भी उसके लिए जानलेवा बन जाता है।
आइए जानते हैं कुछ खास क्रिस्टल जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर आपको किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस आदि से बचा सकते हैं।
हरे-नीले रंग का पारदर्शी क्रिस्टल होता है…
ब्लडस्टोन : यह हरे-नीले रंग का पारदर्शी क्रिस्टल होता है जिसके अंदर रक्त के छींटे जैसे लाल धब्बे दिखाई देते हैं। यह क्रिस्टल इम्युनिटी बूस्टर के नाम से जाना जाता है। इस क्रिस्टल को धारण करने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे किसी भी प्रकार की एलर्जी, फ्लू, वायरस, बैक्टीरिया, सर्दी-जुकाम, खांसी आदि से मजबूती से बचाव होता है।
डार्क ग्रीन एवेंचरीन : पारदर्शी हरे रंग का यह क्रिस्टल पहनने वाले व्यक्ति के सभी आंतरिक अंगों का शुद्धिकरण हो जाता है, वे सही तरीके से कार्य करने लगते हैं। यह क्रिस्टल व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर अनेक प्रकार के रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसे धारण करने से शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं।
व्हाइट बेरिल : यह चमकदार सफेद रंग का पारदर्शी क्रिस्टल होता है। इसके मोतियों की माला बनाकर गले में धारण करने के अनेक लाभ है। यह मनुष्य के लिम्फेटिक सिस्टम (लसिका तंत्र) को मजबूती प्रदान करता है, जो इम्युन सिस्टम और सर्कुलेटरी सिस्टम का ही एक भाग होता है। इसे पहनने से प्रतिरक्षा तंत्र की बाधाएं दूर होती है और व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है। यह बैंगनी रंग का क्रिस्टल होता है..
कारनेलिन : यह ऑरेंज कलर का क्रिस्टल होता है। इसका मुख्य काम शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है। मानसिक और शारीरिक रूप से आराम देने के कारण इससे शरीर के सभी तंत्र सुचारू रूप से काम करते हैं। शरीर से स्पर्श करते हुए पहनने से ग्रंथियों से कुछ ऐसे हार्मोन का उत्सर्जन होता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
एमथिस्ट : यह बैंगनी रंग का क्रिस्टल होता है, जो शरीर के सभी आंतरिक अंगों का शुद्धिकरण करके उनमें शुद्ध रक्त का प्रवाह करता है। इससे रक्त भी शुद्ध होता है और इम्युन सिस्टम बूस्ट होता है। इसके कारण शरीर में अनेक प्रकार के रोगों, बैक्टीरिया, वायरस आदि से लड़ने की शक्ति आती है। यह तनाव को दूर करके नर्वस सिस्टम को सुदृढ़ बनाता है।