July 2, 2024     Select Language
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दिवाली की काली रात से जुड़ा इस पक्षी का गहरा राज़  

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कोलकाता टाइम्स :

हिंदू मान्यताएं ये कहती हैं कि लक्ष्मी उल्लू की सवारी करती हैं, यानि उल्लू को भी माँ लक्ष्मी के साथ पूजा जा सकता है. वहीं कहीं-कहीं इसका भी जिक्र मिलता है कि उलूकराज लक्ष्मी के सिर्फ साथ चलते हैं, सवारी तो वो हाथी की करती हैं. लेकिन मान्यता के अलावा हम आपको बता दें दिवाली से उल्लुओं का क्या गहरा ताल्लुक है.

दरअसल, ऐसा अंधविश्वास आज भी प्रचलित है कि दिवाली के रोज उल्लू की बलि देने से लक्ष्मीजी हमेशा के लिए घर में बस जाती हैं. यही वजह है कि दिवाली के कुछ दिन पहले से ही अवैध पक्षी विक्रेता एक-एक उल्लू को चार से दस हजार में बेचते हैं. आज भी लोग ऐसी मान्यताओं पर यकीन करते हैं और ऐसा करते भी हैं. हालाँकि बलि देना कुछ सही नहीं है लें लोग इससे ऊपर आना नहीं चाहते. इस पक्षी के वजन, उसके रंग और विशेषताओं को देखकर दाम तय होता है. भारतीय वन्य जीव अधिनियम,1972 की अनुसूची-1 के तहत उल्लू संरक्षित पक्षियों के तहत आता है और उसे पकड़ने-बेचने पर तीन साल या उससे ज्यादा की सजा का नियम है.

लेकिन दिवाली पर इस प्रावधान की जबर्दस्त अनदेखी होती है. उल्लुओं के धन-समृद्धि से सीधे संबंध या शगुन-अपशगुन को लेकर ढेरों किस्से-कहानियां ग्रीक और एशियन देशों में भी प्रचलित हैं. बड़ी-बड़ी आंखों वाला निरीह सा ये पक्षी हिंदू विश्वासों से सीधा जुड़ा हुआ है तो इसकी बड़ी वजह उसकी विशेषताएं हैं. चूंकि ये निशाचर है, एकांतप्रिय है और दिनभर कानों को चुभने वाली आवाज निकालता है इसलिए इसे अलक्ष्मी भी माना जाता है

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