रंग से हो रही अस्थमा अटैक तो सिर्फ याद रहे कॉफ़ी
कोलकाता टाइम्स :
अब होली है तो रंग खेलना लाज़मी है। पर कई लोगों को रंग से अलेर्जी होता है और जिस कारन अस्थमा का अटैक होता है। सांस फूलना या सांस ठीक से न ले पाना एलर्जी, संक्रमण, सूजन, चोट या मेटाबोलिक स्थितियों की वजह से हो सकता है. अकसर सांस तब फूलती है जब मस्तिष्क के संकेत फेफड़ों को सांस की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश देते हैं. फेफड़ों से संबंधित प्रणाली को प्रभावित करने वाली स्थितियों के कारण भी सांस की समस्या होती है. वहीं फेफड़ों और ब्रोंकाइल ट्यूब्स में सूजन होना सांस फूलने के आम कारण होते हैं.
1-अगर आपको अस्थमा का अटैक आया है तो आप तुरंत गरम कॉफी पी सकते हैं.यह श्वांस नलिकाओं में रूकी हुई हवा को तुरंत ही खोल देगी.अगर कॉफी नहीं पी सकते तो कॉफी की महक सूंघने से भी लाभ होता है.
2-यदि सांस फूलने की समस्या है को घर में यूकेलिप्टस का तेल जरूर रखें.जब कभी सांस फूले तो यूकेलिप्टस का तेल सूंघ लें, इसको सूंघने से आपको तुरंत फायदा होगा और समस्या धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी.
3-बेहद गुणकारी तुलसी सांस फूलने की समस्या में भी बेहद लाभदायक होती है.तुलसी का रस और शहद चाटने से अस्थमा रोगि यों को व सांस फूलने की समस्या वाले लोगों को आराम मिलता है. इससे सांस की बंद नलियां तुरंत ही खुल जाती है.
4-शहद एक बेहद आम घरेलू उपचार है, जो अस्थमा के इलाज के लिये भी प्रयोग किया जाता है.अस्थमा अटैक आने पर शहद वाले पानी से भाप लेने से पर जल्द ही समस्या से राहत मिलती है. इसके अलावा दिन में तीन बार एक ग्लास पानी के साथ शहद मिला कर पीने से बीमारी भी आराम मिलता है. शहद बलगम को भी ठीक करता है, जो अस्थमा व सांस की परेशानी पैदा करता है.