July 4, 2024     Select Language
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क्या आपने खाये हैं काली रोटी? 

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कोलकाता टाइम्स :

र इंसान अपना पेट भरने के लिए दिन रात मेहनत करता है. पेट भरने के लिए आप अनाज की रोटी कहते हैं जो सफ़ेद ही दिखाई देती है. लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं एक काली रोटी के बारे में. आप सुनकर हैरान होंगे कि काली रोटी कैसे हो सकती है. वैसे तो सभी के घर में ज्यादातर गेहूं की रोटी ही खाई जाती है. आमतौर पर गेहूं का रंग भूरा होता है और इसके आटे का रंग सफ़ेद. लेकिन हाल ही में ऐसा सुनने में आया है कि आने वाले समय में आप सभी गेहूं की सफ़ेद रोटी नहीं बल्कि काले रंग की रोटियां खाएंगे. जी हाँ, आइये जानते हैं इस काली रोटी के बारे में.

दरअसल, नेशनल एग्रो फूड बायो टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट मोहाली ने हाल ही में भारत की कृषि को लेकर एक ऐसा काम किया है जिसकी हर किसी ने तारीफ की है. नेशनल एग्रो फूड बायो टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट मोहाली ने ब्लैक वीट का पेटेंट करा कर जिसका नाम ‘नाबी’ दिया है. जिसमें भी इ से देखा वो चौंक गया और ऐसा इसलिए क्योकि ये ब्लैक वीट बहुत ज्यादा ही कीमती है. आपको बता दें, कि दुनियाभर की सभी कम्पनीज इस ब्लैक वीट को पाना चाहती हैं.

काली रोटी के फायदे
आपको बता दें कि इसके क्या क्या फायदा होता है. ये दिल की बिमारियों में भी रोकथाम करने में मददगार साबित होता है. पहली बार इस गेहूं को पंजाब में उगाया गया था. इस गेहूं की कीमत आम गेहूं से डबल होगी लेकिन अब तक ये गेहूं मार्केट में नहीं आया है.

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