January 19, 2025     Select Language
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सालों पहले गेहूं-जौं से ऐसे होती थी प्रेग्नन्सी की पहचान 

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कोलकाता टाइम्स :

ज के समय में कई तरह की टेक्निक आने लगी है जिससे लोग काफी आगे बढ़ते जा रहे हैं. इस समय में सभी अपना काम तकनिकी की मदद से आसानी से कर लेते हैं. इसके लिए किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होती. ऐसे ही पहले प्रेगनेंसी के लिए कई तरह के टेस्ट किये जाते थे या फिर कुछ अनोखे तरीके अपनाते थे जिससे उन्हें इसके बारे में जानकारी मिलती थी.  आजकल ऐसी कई तकनिकी आ चुकी है जिनकी मदद से घर पर ही महिलाऐं अपना प्रेग्नेंसी टेस्ट कर लेती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं सदियों पहले इसका पता कैसे लगाया जाता था. बता दें, आज से 3500 साल पहले एक अनोखा तरीका अपनाया जाता था जिससे पता चलता था गर्भ में पल रहा बच्चा बेटी है या बेटा. 

दरअसल, शोध के मुताबिक मिस्र में कई सौ साल पहले भी प्रेग्नेंसी टेस्ट किए जाते थे. जानकारी के मुताबिक 1500 से 1300 ईसा पू. के बीच महिलाओं को प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए अपना यूरिन (पेशाब) गेहूं और जौ के एक बैग में डालना होता था. फिर उस बैग को कुछ दिनों तक देखा जाता था और अगर गेहूं और जौ का बीज उगने लगता तो इसका मतलब होता कि महिला गर्भवती हैं और ऐसा नहीं होता तो महिला गर्भवती नहीं है.

वहीं रिपोर्ट्स की माने तो लड़की और लड़के के जन्म की पहचान के लिए भी तरीके लिखे गए हैं. अगर उस समय अगर बैग में सिर्फ जौ उगता है तो यह समझा जाता कि लड़के का जन्म होने वाला है और अगर गेहूं उगता तो समझा जाता कि लड़की का जन्म होगा. तो कुछ ऐसे ही अनोखे तरीके से जाना जाता था कि महिला प्रेग्नेंट है या नहीं. 

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