May 20, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular स्वास्थ्य

क्‍या फैट फ्री के चक्‍कर में आप भी रिफाइंड ऑयल यूज करते हैं, जानें इसके नुकसान

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स :

म में से कई लोगों के घरों में पारंपरिक तेलों की बजाय रिफाइंड ऑयल का इस्‍तेमाल किया जाता है। इसके पीछे वजह होती है ये कम चिपकता है और इसका इस्‍तेमाल भी कम होता है। कई रिफाइंडरी तेल बनाने वाली कंपन‍ियां ये दावा करती है कि ये तेल फैट फ्री और कॉलेस्‍ट्रॉल फ्री होते हैं।

आप जानते हैं कि असल में कॉलेस्‍ट्रॉल फ्री होने का दावा करने वाले इन तेलों में कई हानिकारक तत्‍व मौजूद रहते हैं। जो आपकी हड्डियों को कमजोर बनाने के साथ ही स्किन के ल‍िए भी नुकसानदायक साबित होते हैं। आइए जानते हैं किन कारणों से रिफाइंड ऑयल का सेवन करने से बचना चाह‍िए। क्‍यों है ये सेहत के ल‍िए खतरनाक रिफाइंड ऑयल दरअसल खाद्य तेलों को रिफाइन करने के लिए कई तरह के रसायनों का प्रयोग किया जाता है। जहां किसी भी तेल को रिफाइन करने में 6 से 7 प्रकार के रसायन प्रयोग किए जाते हैं।

वहीं डबल रिफाइंड ऑयल में इनकी संख्या 12-13 तक हो जाती है। इन रसायनों में एक भी रसायन ऑर्गेनिक नहीं होता। अन्य रसायनों के साथ मिलकर यह जहरीले तत्‍वों का निर्माण करते हैं। जो शरीर में कैंसर कारक तत्‍व पैदा करते हैं।

क्‍या कहता है शोध इनपर किए गए रिसर्च में यह बात रिफाइंड तेलों के बजाए पारंपरिक खाद्य तेल का प्रयोग अपेक्षाकृत अधिक सेहतमंद होता है। कॉलेस्ट्रॉल से बचने के लिए हम जिस रिफाइंड तेल का प्रयोग करते हैं, वह हमारे शरीर के आंतरिक अंगों से प्राकृतिक चिकनाई भी छीन लेते हैं। जिससे शरीर को कई तरह की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। रिफाइंड ऑयल के नुकसान नहीं मिल पाता फैटी एसिड इससे शरीर को आवश्यक फैटी एसिड भी नहीं मिल पाते। जिससे आगे चलकर जोड़ों, त्वचा एवं अन्य अंगों संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती है। जबकि सामान्य तेल में मौजूद चिकनाई शरीर को जरूरी फैटी एसिड प्रदान करती है

स्किन के लिए खतरनाक रिफाइंड ऑयल को बनाने की प्रक्रिया में जरूरी चिकनाई निकल जाती है। जबकि आपकी स्किन के ग्‍लो को बनाए रखने के लिए यह चिकनाई जरूरी है। जिससे त्‍वचा में ड्राइनैस और झुर्रियां बढ़ जाती हैं। इससे एजिंग की रफ्तार भी तेज हो जाती है।

हड्डियों को पहुंचाता हैं नुकसान रिफाइंड ऑयल का लंबे समय तक इस्‍तेमाल हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है। लंबे समय से इसका सेवन करने से घुटनों और अन्‍य जोड़ों में दर्द रहने लगता है। इससे अस्थि‍मज्‍जा को भी नुकसान पहुंचता है। रिफाइंड तेलों का प्रयोग नुकसानदेह हो सकता है क्योंकि रिफाइनिंग की प्रक्रिया में तेल को अत्यधिक तापमान पर गर्म किया जाता है। जिससे उनका क्षरण होता है और जहरीले पदार्थ पैदा होते हैं।

ये है बेहतर विकल्‍प शोध के अनुसार खाना पकाने में सरसों तेल, नारियल तेल और घी, जैसे परंपरागत तेल ज्‍यादा बेहतर हैं। ये स्वास्थ्य लाभ के मामले में ‘रिफाइंड’ और अन्य तेलों से बेहतर पाए गए हैं। संतृप्त वसा (जैसे घी, नारियल तेल) का प्रयोग करना इसलिए भी सही है क्योंकि वे तलने के दौरान तुलनात्मक रूप से स्थिर रहते हैं।

Related Posts