July 1, 2024     Select Language
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29 साल के इस गेंदबाज को ‘बूढ़े खिलाड़ियों का चयन क्यों करें’ कहकर BCCI ने बंद किया दरवाजा 

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कोलकाता टाइम्स :

भारतीय क्रिकेट टीम में उन खिलाड़ियों को मौका मिलता है जो घरेलू स्तर पर यानी रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करता है साथ ही साथ अब खिलाड़ियों के आइपीएल के प्रदर्शन को भी तवज्जो दी जाती है। अब 2019-20 सीजन में घरेलू स्तर पर लेफ्ट आर्म पेसर जयदेव उनादकट ने सबसे ज्यादा 67 विकेट लिए। उनके इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं दी गई। जयदेव उनादकट इस वक्त 29 साल के हैं, लेकिन उन्हें लेकर भारतीय सेलेक्टर का कहना है कि, हम बूढ़े खिलाड़ियों का चयन क्यों करें? 

एक दैनिक अख़बार से बात करते हुए पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज करसन घावरी ने एक खुलासा किया और बताया कि, उन्होंने बीसीसीआइ के एक सेलेक्टर से बात की थी और उस चयनकर्ता ने कहा कि, बोर्ड उनके नाम पर विचार नहीं करेगा। घावरी ने कहा कि, मैंने 2019-20 सीजन के रणजी ट्रॉफी फाइनल के दौरान एक सेलेक्टर से पूछा था कि, अगर कोई गेंदबाज 60 से ज्यादा विकेट लेता है और अपनी टीम को अपनी गेंदबाजी के दम पर फाइनल तक पहुंचाता है तो उसे कम से कम इंडिया ए टीम में तो सेलेक्ट किया जाना चाहिए। इसके बाद उस सेलेक्टर ने मुझसे कहा कि, करसन भाई वो अब भारतीय टीम में कभी नहीं चुने जाएंगे। हमलोग लगभग 30 साल के हो चुके खिलाड़ी के नाम पर विचार नहीं करते।

आपको बता दें कि, जयदेव उनादकट भारत के लिए खेल चुके हैं और उन्होंने टीम इंडिया के लिए एक टेस्ट, 7 वनडे और 10 टी20 मुकाबले खेले थे। टेस्ट में उन्होंने एक भी विकेट नहीं लिया था जबकि वनडे में 8 और टी20 में उनके नाम पर 14 विकेट दर्ज हैं।

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