2021 में भी एक ऐसा शहर, जहां सिर्फ मिट्टी से बनी हैं गगनचुंबी इमारतें
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मिट्टी से बनी ऊंची-ऊंची इमारतों वाले इस शहर को ‘रेगिस्तान का शिकागो’ या ‘रेगिस्तान का मैनहट्टन’ कहा जाता है. साल 1982 में यूनेस्को ने इस शहर को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था. हालांकि साल 2015 में यमन में गृह युद्ध छिड़ गया था, जिसकी वजह से यहां की इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा था. इस वजह से यूनेस्को ने उसी साल इसे ‘खतरे में सांस्कृतिक विरासत’ के रूप में सूचीबद्ध किया था. शिबम को अक्सर ‘दुनिया का सबसे पुराना गगनचुंबी इमारतों वाला शहर’ भी कहा जाता है. बताया जाता है कि 1530 ईस्वी में यहां एक भयानक बाढ़ आई थी, जिसमें पूरा शहर तबाह हो गया था. इसके बाद ही यहां पर मिट्टी की इमारतों का निर्माण कराया गया. इन्हें बनाने में ईंट बनाने वाली मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है. इतिहासकारों की मानें तो इमारतों को जब रेगिस्तान की भयंकर गर्मी मिली तो ये ईंट की तरह मजबूत हो गईं. हालांकि कहीं-कहीं पर मजबूती के लिए लकड़ियों का भी उपयोग किया गया है.
बता दें की दुनिया का आश्चर्य माने जाने वाले इस शहर में दुनिया की सबसे ऊंची मिट्टी से बनीं इमारतें हैं. वैसे तो यहां का औसत तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहता है, लेकिन इसके बावजूद इमारतों के अंदर बने कमरे एसी की तरह ठंडे होते हैं. दरअसल, मिट्टी गर्मी को सोख लेती है. इस वजह से यहां रहने वाले लोगों को ज्यादा गर्मी का सामना नहीं करना पड़ता.