November 23, 2024     Select Language
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इस देश में विदेशी नागरिकों मिलती है असिस्टेंड सुसाइड की सुविधा 

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कोलकाता टाइम्स : 
दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहाँ लोग अपने जीवन बचाने के लिए जाते हैं। लेकिन क्या अपने सुना है ऐसे देश के बारे में जहाँ लोग मौत को गले लगाने जाते हों।इस देश में इच्छामृत्यु दी जाती है। हाल ही में इस देश में मशहूर वैज्ञानिक डेविड गुडऑल ने अपने जीवन का अंत कर लिया।

इस देश का नाम है स्विट्ज़रलैंड। जहाँ कई क्लिनिक ऐसे हैं जहाँ लोगों को इच्छामृत्यु देने की कानूनी मान्यता है। दरअसल, दुनिया के कई देशों में इच्छामृत्यु की इजाज़त हैं, लेकिन उसके लिए शर्त ये होती है कि मरने की इच्छा रखने वाला व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो।

पूरी दुनिया में स्विट्ज़रलैंड ही एक ऐसी जगह है जहां एक स्वस्थ व्यक्ति भी अपनी मर्जी से जान दे सकता है. यहां ‘असिस्टेड सुसाइड’ की इजाज़त है। जब कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से खुदकुशी करना चाहता हो और इसके लिए वो किसी की मदद लेता है, तो इसे ‘असिस्टेड सुसाइड’ कहते हैं।

मशहूर वैज्ञानिक डेविड गुडऑल लंदन में पैदा हुए और फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में रहते थे लेकिन उन्होंने खुदकुशी के लिए स्विट्ज़रलैंड के लिए चुना। 104 साल के वैज्ञानिक डेविड गुडऑल ने भी ‘असिस्टेड सुसाइड’ किया है। एबीसी न्यूज के मुताबिक मरने में मदद पहुंचाने वाली संस्थान एक्जि़ट इंटरनेशनल ने बताया कि डेविड गुडऑल की नसों में एक पाइप लगाई गई, जिससे ज़हर को शरीर के अंदर भेजा जाना था। डॉक्टर के ऐसा करने के बाद डेविड ने खुद मशीन के चक्के को घुमाया ताकि ज़हर उनके शरीर में जा सके।

द इकोनॉमिस्ट के मुताबिक स्विट्ज़रलैंड एक ऐसा देश है, जहां किसी बालिग को मरने में मदद दी जाती है। यहां उन लोगों को भी मरने में मदद दी जाती है, जो देश के नागरिक नहीं हैं। यानी यहां विदेशी नागरिकों को भी असिस्टेड सुसाइड की सुविधा मिलती है।

स्विट्ज़रलैंड के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2014 में 742 लोगों ने असिस्टेड सुसाइड किया था। वहीं, बिना मदद के अपनी जिंदगी की कहानी खत्म करने वालों की संख्या 1,029 थी।

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