June 2, 2024     Select Language
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मशहूर दो जासूसों की कहानी, एक सत्ता तो एक पहुंच गया मौत तक  

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कोलकाता टाइम्स : 

दो खुफिया अधिकारी व्‍लादिमीर पुतिन और सर्गेई स्क्रिपल थे। दोनों ही उम्र, पद और ट्रेनिंग के लिहाज से कमोबेश समकक्ष थे। लेकिन आगे चलकर इनमें से एक बना प्रेजिडेंट तो दूसरा अँधेरे में कहीं गुम हो गया। दोनों के रस्ते ऐसे अलग-अलग मोड़ पर खरा हो गया के एक की हत्या की कोशिश का आरोप लगा दूसरे पर।

ब्रिटेन के सेलिसबरी शहर के माल्टिंग्‍स शॉपिंग सेंटर में एक बेंच पर रूस के एक पूर्व यद् ही होगा कुछ समय  पहले जासूस सागोई स्क्रिपल (66) अपनी बेटी यूलिया के साथ गंभीर हालत में बेसुध अवस्‍था में मिले।  जाँच में पता चला था कि किसी नर्व एजेंट गैस के संपर्क में आने के कारण उनकी यह हालत हुई. वे बच गए और अब अंडरग्राउंड हो गए हैं।

बता दे 1990 के दशक में जब सोवियत संघ बिखराव की कगार पर था तब वहां की सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसी केजीबी सबसे मुश्किल और अस्थिर हालत में थी. उस दौर में उसके कई जासूस जो दुनिया के अन्‍य मुल्‍कों में अंडरकवर एजेंट के तौर पर तैनात थे, उन्‍होंने संबंधित देशों के खुफिया विभागों को सीक्रेट्स बेचकर पैसे बनाए और कई तो वहीं बस गए. उसी दौर के केजीबी के दो जासूस सोवियत संघ बनाम पश्चिम के शीत युद्ध के दौर में खुद को खपाया था।

Sergei Skripal: Who is the former Russian intelligence officer? - BBC News

सोवियत संघ के पतन के बाद इन दोनों ने ही खुद को नई व्‍यवस्‍था के रूप में ढालने का प्रयास किया. व्‍लादिमीर पुतिन राजनीति सत्‍ता में आ गए और सर्गेई स्क्रिपल खो गए।

Vladimir Putin Is Not Reforming the State. He's Taking Power for Himself. – Reason.com

2006 में अचानक रूस के न्‍यूज चैनलों पर स्क्रिपल की तस्‍वीरें उभरने लगीं. उनके बारे में कहा जाने लगा कि जब 1990 के दशक में जब वह मैड्रिड (स्‍पेन) में तैनात थे तो एक स्‍पेनिश एजेंट के साथ उन्‍होंने सौदा किया. उसने 1996 में ब्रिटेन के एजेंट के साथ उनकी मुलाकात कराई. उन पर आरोप लगाए गए कि एक लाख डॉलर में उन्‍होंने अपने सीक्रेट्स बेचे. स्क्रिपल को 13 साल की सजा सुनाई गई. 2010 में अमेरिका और रूस के बीच जासूसों की अदला-बदली हुई. उसमें ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के आग्रह पर स्क्रिपल का नाम भी शामिल हुआ. इस तरह स्क्रिपल पहले अमेरिका और उसके बाद ब्रिटेन में बस गए।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद रूस से लेकर ब्रिटेन, अमेरिका तक ने उनको बहुत महत्‍वपूर्ण नहीं माना लेकिन रूस के एक शख्‍स की नजर में वह बेहद अहम बने रहे. यानी पूर्व खुफिया अधिकारी और मौजूदा राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने कभी उनको माफ नहीं किया. नतीजतन स्क्रिपल पर जो हमला हुआ, उसको इससे जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि इस बारे में अभी तक कोई स्‍पष्‍ट प्रमाण पश्चिमी मीडिया या जांच एजेंसियों को नहीं मिले हैं लेकिन इस मामले में एक नई प्रगति ये हुई है कि ब्रिटिश अधिकारियों ने जांच में यह पता लगाया है कि रूस की खुफिया एजेंसी ने अपने दो हिट मैन इस काम के लिए भेजे थे। उन दोनों ने ही स्क्रिपल के दरवाजे के फ्रंट डोर हैंडल पर नर्व एजेंट का छिड़काव किया था। बाप-बेटी इसी की चपेट में आकर शिकार बने।

रूसी भाषा में नोविचोक का अर्थ न्‍यूकमर होता है। इस रासायनिक नर्व एजेंट गैस को सोवियत संघ ने 1970 और 1980 के दशक में विकसित किया था। इसको सोवियत संघ का चौथी पीढ़ी का रासायनिक हथियार कहा जाता है और इसको फोलियंट (Foliant) कोडनेम से विकसित किया गया था। 1990 के दशक में रूसी कैमिस्‍ट डॉ वील मिर्जायानोव ने रूसी मीडिया के माध्‍यम से पहली बार इस गैस के बारे में बाहरी दुनिया को बताया।

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