अब पाकिस्तानी मुद्रा से भरा अफगानिस्तान का बाजार, जनता ने यूँ ठुकराया
एक रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों ने एक पाकिस्तानी अखबार की एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान में व्यापारिक सौदे पाकिस्तानी रुपये पर आधारित होने चाहिए. पाकिस्तानी अखबार डेली जंग ने एक रिपोर्ट में देश के वित्त मंत्री शौकत तरीन के हवाले से कहा कि अफगानिस्तान को डॉलर के भंडार की कमी का सामना करना पड़ा और यही कारण होगा कि अफगानिस्तान पाकिस्तानी रुपये में लेनदेन करेगा.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरार्ष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक द्वारा अफगानिस्तान को भुगतान निलंबित करने के बाद तरीन ने यह बयान दिया. राहा प्रेस ने बताया कि पाकिस्तान के सबसे चौंकाने वाले वित्त मंत्री ने सीनेट की आर्थिक समिति को बताया है कि चूंकि अफगानिस्तान में इन दिनों डॉलर की तरलता खत्म हो रही है, अफगानिस्तान के साथ व्यापार रुपये (पाकिस्तानी रुपये) में हो सकता है.
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अतीत में, पाकिस्तान की सीमा से लगे देश के कई शहरों में, मुख्य व्यापार एक्सचेंज पाकिस्तानी रुपये पर आधारित थे, जिसे कई प्रतिक्रियाओं के साथ मिला था. शौकत ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और पाकिस्तान अफगान अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद के लिए एक टीम भेजेगा. पझवोक न्यूज ने कहा कि इन रिपोर्टों के बाद, अफगानों ने अफगानी हमारी राष्ट्रीय पहचान है, शीर्षक से एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया.
अधिकांश सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं ने नारे साझा किए, जैसे- हम अफगानिस्तान के निवासी हैं, अफगानी हमारी राष्ट्रीय पहचान है और अफगानी मुद्रा का उपयोग करना हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है. सोशल मीडिया यूजर अब्दुल करीम ने एक ट्वीट में कहा, मैं अपना देश खुद बनाऊंगा, इसलिए मैं अपने देश की मुद्रा का उपयोग करूंगा. अफगानिस्तान में हर लेनदेन अफगान मुद्रा पर होना चाहिए. एक अन्य सोशल मीडिया यूजर मोहम्मद सईद ने तालिबान को संबोधित करते हुए कहा, अफगानियों का अस्तित्व पूरी तरह से आप पर निर्भर है, अगर यहां (अफगानिस्तान) अफगानी की जगह पाकिस्तानी रुपये आए, तो इसकी जिम्मेदारी आप पर होगी और अफगान आपको जवाबदेह ठहराएंगे.