कोरोना से कैंसिल हुई शादी यो पैसा वापस देकर यह लगाएगा मरहम
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कोलकाता टाइम्स :
शादी के कार्ड पर सबसे पहला निमंत्रण विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी को दिया जाता है. मान्यता है कि इससे शादी के कार्यक्रम में कोई बाधा नहीं आती. लेकिन पिछले साल कई शादियों के कार्यक्रम रद्द करने पड़े, क्योंकि कोरोना महामारी ने पैर पसार लिए थे. यदि इस वक्त के हालात देखे जाएं तो जनवरी और फरवरी में शादियों का पीक सीजन होगा और कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट रंग में भंग डाल सकता है. मतलब शादियां फिर से कैंसिल करनी पड़ सकती हैं.
कोई नहीं चाहता कि उसके यहां शादी का कार्यक्रम रद्द हो या बदले. परंतु, यदि ऐसी स्थिति आती भी है तो आपको ये सुनिश्चित करना चाहिए कि पैसे का नुकसान न हो. ऐसा तभी संभव है, जब आप अपने कार्यक्रम का बीमा करवा लें. जी हां, शादी का बीमा मतलब वेडिंग इश्योरेंस.
वेडिंग इंश्योरेंस का सम एश्योर्ड इस बात पर तय होता है कि आपने कितने का बीमा कराया है. वैसे तो प्रीमियम आपके इंश्योर्ड राशी से सिर्फ 0.7 फीसदी से लेकर 2 फीसदी तक ही लगता है. अगर आपने 10 लाख रुपए का वेडिंग इंश्योरेंस कराया है तो आपको 7,500 से 15,000 रुपए तक का प्रीमियम देना होता है.
वेडिंग इश्योरेंस क्या कवर करता है?
एक वेडिंग इश्योरेंस शादी रद्द होने या किसी अन्य क्षति या हानि के कारण होने वाले भारी खर्चों को कवर करता है. बीमा पॉलिसी मोटे तौर पर विभिन्न स्थितियों को चार श्रेणियों को कवर करती है-
1. देनदारियों का कवरेज: यह सेक्शन में दुर्घटनाओं या चोट के कारण शादी के आयोजन के दौरान तीसरे पक्ष को होने वाली किसी भी क्षति या हानि को कवर करता है.
2. कैंसिलेशन कवरेज: यह हिस्सा शादी के अचानक या अस्पष्टीकृत तरीके से रद्द होने के कारण होने वाले नुकसान को कवर करता है.
3. संपत्ति को नुकसान: यह संपत्ति को हुए नुकसान या क्षति से बचाता है.
4. व्यक्तिगत दुर्घटना: इसमें दुर्घटनाओं की वजह से दूल्हा/दुल्हन के अस्पताल में भर्ती होने का खर्च शामिल है.