Valentine Day: किसी के मौत पर है यह खुशी का दिन …
प्यार-मोहब्बत का दिन ‘वैलेनटाइन डे’ के स्वागत के लिए दुनिया के हर वो लोग तैयार हैं जिनका प्यार पर भरोसा है और हर कोई अपने पार्टनर को इस दिन खुश रखना चाहता है।
आईये जानते हैं इस खूबसूरत पर्व के बारे में कुछ रोचक बातें.. हर साल 14 फरवरी को पूरे विश्व में ‘वैलेनटाइन डे’ मनाया जाता है। भारत में इस पर्व की शुरूआत 1992 में हुई। ‘वैलेनटाइन डे’ संत गुरू ‘वैलेनटाइन’ के नाम पर मनाया जाता है। संत गुरू ‘वैलेनटाइन’ 269 ईसवी में शहीद हो गये थे। उन्हें 14 फ़रवरी 269 को फ्लेमिनिया में दफनाया गया था। ‘वैलेनटाइन डे’ के बारे में और बातें करेंगे नीचे
संत के अवशेष : संत गुरू ‘वैलेनटाइन’ के अवशेष रोम के सेंट फ्रेक्स्ड चर्च और डबलिन (आयरलैण्ड) के स्ट्रीट कामिलैट चर्च में रखे हुए हैं। कोरोना से मालामाल हुई ये दवा कंपनी, 350 करोड़ टैबलेट बिकीं, हर पर्चे पर था इसका नाम विशप टर्नी विशप टर्नी को भी प्रेम का वैलेनटाइन बतलाया जाता है जो 197 ई. में सम्राट ऑरोलियन के उत्पीड़न से शहीद हो गये थे।
तीसरे सन्त वैलेनटाइन कैथोलिक विश्वकोश भी एक तीसरे सन्त वैलेनटाइन का नाम बतलाता है जिसके नाम अभी हाल में ही प्रकाशित शहीदनामा में हुआ है।
भारत में वैलेनटाइन भारत में वैलेनटाइन का प्रारंभ 1992 में हुआ लेकिन यहां के लोगों ने इस दिन को प्रेम कम नफरत ज्यादा दी। बावजूद इसके इस दिन को प्यार करने वाले भारतीय बड़ी सादगी से अपने चाहने वालों के संग सेलिब्रेट करते हैं।