June 1, 2024     Select Language
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‘सूर्य’ के बारे में यह बात बात जानेंगे तो चौंक जायेंगे 

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कोलकाता टाइम्स : 

हिंदुओं के आराध्य देव माने जाते हैं ‘सूर्य’ क्योंकि पुराणों के मुताबिक ‘सूर्य’ ही ऊर्जा का श्रोत है और ‘सूर्य’ ही आगे बढ़ने का मानक। जरूर जानिए सूर्य के बारे में कुछ खास और रोचक बातें..

जानिए इस्लाम क्या कहता है ‘सूर्य’ के बारे में?

पुराणों में वर्णन कैसे केजरीवाल को ही डंक मार रहा है उनका स्टिंग? वेदों के मुताबिक ‘सूर्य’ को जगत की आत्मा कहा गया है क्योंकि उनके कारण ही पृथ्वी पर जीवन है। पुराणों में तो ‘सूर्य’ का अर्थ है ‘सर्व प्रवर्तक’ जिसका अर्थ होता है ‘सर्व कल्याणकारी’। यजुर्वेद में ‘सूर्य’ का अर्थ बताया गया है ‘चक्षो सूर्यो जायत’ जिसका मतलब होता है ‘ईश्वर का नेत्र’। छान्दोग्यपनिषद में ‘सूर्य’ को ‘प्रणव निरूपित’ कहा गया है जिसके जरिये ही मां कुंति ने दुर्वासा ऋषि के दिये गये मंत्र से ‘कर्ण’ को पाया था।

धार्मिक ग्रंथों में ‘सूर्य’ का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में ‘सूर्य’ का वर्णन सर्वशक्तिशाली, मोहक और तीव्र बुद्धि वाले देवता के रूप में हुआ है। इसलिए अगर इंसान को शक्ति या बुद्धि चाहिए होती है तो उसे पंडित और ज्योतिष ‘सूर्य’ भगवान की उपासना करने और ‘सूर्य’ को अर्घ्य देने करने की सलाह देते हैं। हरियाणा के लोगों को कोरोना के प्रतिबंधों से मिली राहत, खट्टर सरकार ने हटाए सभी कड़े प्रतिबंध इतिहास कहा जाता है कि वैदिक काल में ‘सूर्य’ की उपासना के लिए मंत्रों का प्रयोग होता था लेकिन उसके बाद मूर्ति पूजा आरंभ हुई जिसके बाद ही भारत में ‘सूर्य’ मंदिरों का निर्माण हुआ।

इसलिए वैदिक साहित्य में ‘सूर्य’ के बारे में सबसे ज्यादा पढ़ने को मिलता है। 

‘सूर्य’ को अर्घ्य : ‘सूर्य’ को नियमित जल देने से प्रतिष्ठा, सरकारी पद, समाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। हडडी रोग, ऑख रोग, ह्रदय रोग आदि में फायदा होता है।

‘सूर्य’ ज्ञान का सागर : ‘सूर्य’ को ज्ञान का सागर कहा जाता है, वो शक्ति के साथ बुद्दि से भी तीव्र माने जाते हैं इसलिए हिंदूगण खासकर राजपूत लोग ‘सूर्य’ भगवान की पूजा करते हैं। × हिंदुओं के सारे नियम ‘सूर्य’ से हिंदुओं के सारे नियम ‘सूर्य’से निर्धारित होते हैं, सारे उपवास और पूजा ‘सूर्य’ की चाल और चक्र के मुताबिक होते हैं।

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