यह सिर्फ परंपरा नहीं, सुंदर और जवां रहने का राज है…
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कोलकाता टाइम्स :
भारत परंपराओं का देश है, सदियों से यहां ऐसी प्रथाएं चली आ रही हैं जिनकी शुरूआत कब, क्यों और कैसे हुई, इस बारे में किसी को खास पता नहीं है लेकिन आप उन परंपराओं को अगर अध्ययन करेंगे तो आपको पता चलेगा कि हमारे पूर्वजों की ओर से बनायी गयी हर परंपरा का संबंध हमारी सेहत से है।
अगर हम सच में उन चीजों के बारे में जानेंगे कि हमें ना तो ज्यादा डॉक्टरों के पास जाने की जरूरत पड़ेगी और ना ही दवा खाने की। इसलिए आज हम आपको बताते हैं ऐसी ही कुछ परंपराओं के बारे में जो सिर्फ और सिर्फ हमें खुशी और सेहतमंद जीवन प्रदान करती हैं। शायद इसी वजह से कहा जाता है, सारी दुनिया पर भारी है दादी मां के नुस्खे।
केले के पत्ते पर खाना खाना: साउथ में लोग केले के पत्ते में खाना खाते हैं, केले का पत्ता काफी शुद्द माना जाता है जिसका सीधा असर हमारे दिमाग पर होता है, केले के पत्ते की हरियाली आंखों को सकून और ठंडक खाने के पचने में मदद करती है।
नंगे पैर चलना: नंगे पैर चलने से इंसान का शरीर सीधे तौर पर जमीन के संपर्क में आता है, जो वजन और नर्वस सिस्टम को सही करता है।
खाना खाते वक्त पानी ना पीएं: खाना खाने के साथ पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे दो नुकसान होते हैं, पहला यह कि आपका खाना पचेगा नहीं और दूसरा आप पानी से पेट भर लेंगे और खान कम खायेंगे जो कि मेटाबॉलिज्म के लिए सही नहीं है।
हाथ से खाना खाना : हाथ से खाना खाने से आपके अंदर बाहर के बैक्टिरिया पेट के अंदर नहीं जाते और वहीं दूसरी ओर हाथ और अंगुलियों काफी एक्टिव रहते हैं। आपके हाथ खाना खाते वक्त हर दिशा में मुड़ते हैं जिससे की हाथों की कसरत होती है। आप हाथ से खाना ग्रहण करेंगे तो जाहिर है आप हाथों की देखभाल भी करेंगे और उसे स्वच्छ भी रखेंगे जो कि निरोग रहने के लिए अति-आवश्यक है।
घी खाना : घी खाने दिमाग मजबूत होता है और साथ ही वजन कम होता है, यह भ्रांति है कि घी से वजन बढ़ता है, अगर आप घी खाते हैं तो आपको भूख बार-बार नहीं लगती है और कम खाते हैं जिससे मोटापा बढ़ ही नही सकता। घी अगर शुद्द हो तो इसकी महक तन और मन दोनों को शांत करती है और ऐसा माना जाता है कि घी खाने वाले को क्रोध कम आता है।
मेंहदी लगाना : मेंहदी हाथ और बाल दोनों के लिए अच्छी होती है, इससे दिमाग शांत और माइग्रेन जैसे रोगों से छूटकारा मिलता है। मेंहदी श्रृंगार का अमूल्य हिस्सा है, बिना इसके कोई भी शादी पूरी नहीं होती है। इसकी सोंधी खुशबू मन को खुश करती है और चित्त में ठंडक पहुंचाती है।
रंगोली : रंगोली बनाने से महिलाओं के अंदर से स्ट्रेस रिलीज होता है जो कि स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है। ये इंसान के दिल में खुशी पैदा करती है क्योंकि रंगों का असर तन-मन दोनों पर होता है। रंगोली बनाने वाले के दिमाग में रचनात्मक चीजें घर करती हैं जो कि किसी भी इंसान को आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है।
कान-नाक छेदन : कान-नाक को छेदने से लड़कियों मे मासिक धर्म नियमित रहता है और लड़कों में हार्निया की शिकायत नहीं होती। श्रवण केन्द्र स्वस्थ रहते हैं साथ ही कान और नाक में पहनने वाले जेवर ना केवल लड़कियों को सुंदर बनाते हैं बल्कि एक्यूप्रेशर का काम करते हैं जिससे ब्लड-प्रेशर भी सामान्य रहता है।