इस हाई कोर्ट ने दिया पति को घर-जमाई बनने का आदेश, यह है वजह
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कोलकाता टाइम्स :
एमपी हाई कोर्ट ने पति-पत्नी के विवाद में एक अनूठा आदेश दिया है. बच्चे को अपने पास रख पत्नी को घर से निकालने वाले पति को हाई कोर्ट ने एक महीने तक घर जमाई बनकर ससुराल में रहने का आदेश दिया है. साथ ही ससुराल वालों से कहा- अपने दामाद का बेहतर ख्याल रखना. बेटी का घर बच जाएगा.
गौरतलब है कि मुरैना निवासी पति ने 2 साल के बच्चे को अपने पास रखकर पत्नी को घर से निकाल दिया था. पत्नी ने बच्चे की कस्टडी पाने के लिए हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी. इस मामले की सुनवाई के दौरान पति हाजिर हुआ. हाई कोर्ट में पति ने पत्नी के आरोपों को गलत बताते हुए खुद पत्नी द्वारा घर छोड़कर जाने की बात कही. पति-पत्नी दोनों ने अपने-अपने ससुराल वालों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया. उस पर हाई कोर्ट ने कहा- पति महीनेभर ससुराल में जाकर रहे, तब सुनवाई करेंगे.
बता दें, ग्वालियर के सेवा नगर इलाके में रहने वाली गीता रजक की शादी मुरैना निवासी गणेश रजक के साथ हुई थी. शादी के बाद सब कुछ ठीक-ठाक था और दोनों को एक बेटा भी हुआ. लेकिन, फिर परिस्थितियां बिगड़ने लगीं. कुछ समय पहले गीता को गणेश और उसके परिवार वालों ने घर से बेदखल कर दिया और बेटे को अपने पास ही रख लिया.