सदमे के तुरंत बाद सोना यानी उलट बात
कोलकाता टाइम्स :
येरूशलम, अक्सर लोगों को जब कोई मानसिक आघात लगता है तो उसे भूलने के लिए वे सो जाते हैं। उन्हें लगता है कि सो जाने से उन्हें उस बुरी घटना को भूलने में मदद मिलेगी लेकिन एक अध्ययन में इससे बिल्कुल उलट बात सामने आई है।
अध्ययन में पाया गया है कि अगर आप कोई मानसिक आघात लगने के फौरन बाद के कुछ घंटे सोने से बचते हैं तो इससे सदमे के बाद के तनाव का खतरा कम करने में मदद मिलती है। नेगेव के बेन गुरिओं विश्वविद्यालय और तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन न्यूरोसाइकोफार्मेसोलॉजी नामक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में छपा है।
अध्ययनकर्ता प्रोफेसर हैगिट कोहेन ने कहा, अक्सर किसी बुरी घटना से हुआ तनाव भुलाने के लिए लोग नींद का सहारा लेते हैं। उन्हें लगता है कि इससे उन्हें आराम मिल सकेगा। सदमे के बाद नींद का सहारा लेने से पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के लिए यह प्रयोग किया गया। प्रयोगों में पाया गया कि जो चूहे किसी घातक घटना (शिकारी को देखकर उपजा तनाव) के तुरंत बाद सोए नहीं, उनके व्यवहार में बाद में उस घटना से उपजा तनाव देखने को नहीं मिला। जबकि जिन चूहों को ऐसी किसी घटना के तुरंत बाद सुला दिया गया उनके व्यवहार में उस घटना से उपजा तनाव साफ तौर पर देखने को मिल रहा था। कोहेन का कहना है कि इंसान को अपनी जिंदगी में कई तनावों से गुजरना पड़ता है और उनमें से लगभग 15 से 20 प्रतिशत ऐसे होते हैं जो इस तनाव को अपने व्यवहार में लंबे समय तक शामिल कर लेते हैं।