सिर्फ अद्भुत नहीं अपार खूबसूरत है भारत का सफेद रेगिस्तान
ग्रेट रण ऑफ कच्छ: अगर आप गुजरात आएं और आपने ग्रेट रण ऑफ कच्छ नहीं देखा तो समझों की कुछ नहीं देखा। कच्छ को सफेद रेगिस्तान का नाम दिया गया है। लगभग 16 वर्ग किलोमीटर में फैला यह क्षेत्र अपने नमक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। अगर आप मानसून के समय कच्छ की ओर रुख करते हैं तो आपको और ज्यादा मजा आएगा।
द्वारका: हिंदुओं के चार धामों और सप्त पुरियों में से एक गुजरात की द्वारिकापुरी मोक्ष तीर्थ के रूप में जानी जाती है। पूर्णावतार श्रीकृष्ण के आदेश पर विश्वकर्मा ने इस नगरी का निर्माण किया था जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा से सब यादवों को लाकर यहां बसाया था। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर पूरी दुनिया से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल की ओर रुख करते हैं।
सोमनाथ: ऐतिहासिक लूट और पुनर्निर्माण की कहानी लिए गुजरात का सोमनाथ मंदिर हमेशा से विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। इस भव्य मंदिर को हम भगवान शिव के बारहवें ज्योतिर्लिग के नाम से भी जानते हैं। यह जगह केवल मंदिर के लिए नहीं बल्कि अन्य पर्यटन केंद्रों के लिए भी विश्वविख्यात है। सोमनाथ में अन्य पर्यटन और तीर्थ स्थलों में अहिल्याबाई मंदिर, सूरज मंदिर, त्रिवेणी घाट, प्रभास पाटन संग्रहालय और जूनागढ़ गेट शामिल हैं।
गिर वन राष्ट्रीय उद्यान
गिर वन राष्ट्रीय उद्यान ‘बाघ संरक्षित क्षेत्र’ है, जो ‘एशियाई बब्बर शेर’ के लिए विश्व प्रसिद्ध है। वन्यजीवों की अनेक प्रजातियां देखने के लिए यह उद्यान आपके लिए उपयुक्त जगह साबित हो सकती है। गिर पश्चिमी भारत का सबसे बड़ा शुष्क पर्णपाती वन माना जाता है। यहां की वनस्पति में सागौन, साल और ढाक (ब्यूटिया फ्रोंडोसा) जैसे पर्णपाती वृक्षों सहित कांटेदार जंगल शामिल हैं।
भुज: हस्तशिल्प को लेकर आपके अंदर दिलचस्पी है तो आप गुजरात के भुज में कुछ समय बिता सकते हैं। यह जगह ठप्पे की छपाई का कपड़ा, बंधेज, चांदी का सामान और कढ़ाई वाले वस्त्रों के अलावा यह कच्छी हस्तशिल्प के लिए भी विख्यात है। भुज पहुंचते ही आप हस्तशिल्प के कलाकारों से तो मिल ही सकते हैं। साथ ही हस्तशिल्प प्रदर्शनी का फायदा भी उठा सकते हैं।