June 1, 2024     Select Language
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खलबली मची चीन-पाक में, ‘मिशन दिव्यास्त्र’ भारत की शक्ति का नायाब परिक्षण   

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कोलकाता टाइम्स : 
हिंदुस्तान की इस अग्नि की तपिश ने नापाक पड़ोसियों का चैन छीन लिया है और नींद गायब कर दी है. ये हैं अग्नि मिसाइल सीरीज की महायोद्धा और के फोर मिसाइल. ये हिंदुस्तान की वो जंगी सिपाही हैं, जिनके परीक्षण की खबर से चीन की PLA में खलबली मची हुई है. वो लगातार भारत की बढ़ती ताकत के परीक्षण पर नजरें गढ़ाए हुए है और इसी उधेड़बुन में और वो तड़पकर जासूसी करने के लिए समंदर में घुस आया है. उसने अपने स्पाई शिप यानि जासूसी करने वाले जहाज को बंगाल की खाड़ी में भेज दिया है.
चीन की जासूसी वाली इस हरकत का पता ताजा सैटलाइट तस्वीरों से हुआ है. भारत के ओडिशा में है एपीजे अब्दुल कमाल द्वीप, जहां से यानि 11 मार्च से लेकर 16 मार्च तक भारत कभी भी अग्नि सीरीज की लंबी दूरी की मिसाइल और के 4 मिसाइलों का परीक्षण कर सकता है.

उन्हीं में से एक अग्नि 5 मिसाइल का अब से कुछ देर पहले परीक्षण मिशन दिव्यास्त्र के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक से किया जा चुका है. इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट के जरिए दी है. और इसीलिए इस द्वीप के करीब 3500 किलोमीटर एरिया को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है.

एमआईआरवी टेक्नोलॉजी के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है. इसकी एक अन्य विशेषता यह है कि इसे सड़क के रास्ते कहीं भी ले जाया जा सकता है. इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी. मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है. यह तय करता है कि एक ही मिसाइल विभिन्न जगहों पर कई आयुध तैनात कर सके. सूत्रों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की डायरेक्टर एक महिला हैं. यह हथियार प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स सिस्टम और सटीकता वाले सेंसर पैकेज से लैस है.

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