धुएं की यह लत कर सकता है अंधा
कोलकाता टाइम्स :
धूम्रपान से होने वाले नुकसान से हर कोई वाकिफ है, लेकिन शायद ही कोई जानता हो कि धूम्रपान 50 या उससे अधिक की उम्र के लोगों की आंख की रोशनी चले जाने का कारण भी बन सकता है। इसे एज रिलेटेड मैक्युलर डिजेनरेशन (एएमडी) कहते हैं, जिसके अंतर्गत रेटीना के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण आंख की रोशनी चली जाती है। नए अध्ययनों के अनुसार, धूम्रपान लोगों में दृष्टिहीनता के प्रमुख कारण के रूप में उभरी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, विश्वभर में एएमडी, आंखों की रोशनी जाने की तीसरी सबसे बड़ी वजह है। इसके कारण पहले आंख की रोशनी कम होने लगती है, और सही ढंग से इलाज न कराने पर आंखों की रोशनी पूरी तरह स्थायी रूप से जा सकती है।” इस बीमारी में रेटिना की चित्र ग्राही कोशिका नष्ट हो जाती है और ड्रसेन कहलाने वाले छोटे धब्बे विकसित हो जाते हैं।
इसके कारण लोगों को धुंधला दिखाई पड़ने लगता है। आयुर्वेद ने बताया है मानसून से जुड़े खान-पान के नियम, इन्हें फॉलो करने से बीमारियां रहेगी कोसों दूर फोर्टिस मेमोरियल इंस्टीट्यूट में नेत्र रोग विभाग के निदेशक संजय धवन ने आईएएनएस को बताया, “एएमडी के उपचार के लिए आंख में विशेष टीका लगाया जाता है। इसका इलाज कैंसर की तरह कई चरणों में होता है।
गंभीर मामलों में लेजर उपचार और टीके दोनों दिए जाते हैं।” चिकित्सक 50 की उम्र के आस-पास के लोगों को विटामिन ए की प्रचुरता वाला भोजन, जैसे मछली और हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं।