June 1, 2024     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular धर्म स्वास्थ्य

दूध में क‍ितना है मिलावट, घर पर चुटकी में करे पता 

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स : 

वैसे तो दूध सबसे पौष्टिक आहार में से एक माना जाता है। इसमें विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, नियासिन, फॉस्फोरस और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन आज के समय में बाजार में मिलने वाले दूध में तरह-तरह की मिलावट की जाने लगी है। जिससे इसकी पोष्टिकता पर नकारात्मक असर तो पड़ता ही है कई बार तो इससे आपके शरीर को नुकसान पहुंचने की संभावना भी रहती है। कैमिकल्स मिलाने के कारण ये लिवर और किडनी पर बेहद बुरा असर डालता है।

हम आपको बता रहे हैं मिलावटी दूध को पहचानने के तरीके और नुकसान के बारे में। चेक करें दूध में है कितना पानी कहीं आप ज्‍यादा पानी मिला हुआ दूध तो नहीं पी रहे हैं। दूध में ज़्यादा पानी दूध के पोषक तत्वों को नष्‍ट कर देते हैं और ये आपके जेब को भी भारी पड़ता है। दूध में पानी की मिलावट को चेक करने के लिए दूध की एक बूंद अपनी उंगली के टिप पर या या किसी झुकी हुई सतह पर रखें और उसे नीचे बहने दें। दूध यदि रुका रहता है और धीरे – धीरे बहता है, तो इसमें पानी कम है, अन्यथा इसमें पानी बहुत ज़्यादा है। इसके अलावा ध्‍यान दें क‍ि जब आप किसी अन्य वस्तु के प्लेन टुकड़े पर दूध के बूंदे डालते हैं। इसके बाद इसे थोड़ा टेढ़ा करें यदि दूध की बूंद सफेद लकीर छोड़ते हुए धीरे-धीरे बह रहीं हो तो इसका मतलब दूध में पानी की मिलावट नहीं है। वहीं अगर सफेद निशान न छोड़े तो इसका मतलब पानी की मिलावट की गई है।

नुकसान: पानी की मिलावट करने से दूध पतला हो जाता है जिससे यह कम फायदेमंद रहता है।

सिंथेटिक दूध की पहचान : प्राकृतिक दूध में रसायनों और साबुन जैसी चीजों को मिलाकर सिंथेटिक दूध यानी नकली दूध बनाया जाता है। सिंथेटिक दूध को केवल खराब स्वाद से जाना जा सकता है। रगड़ने पर यह साबुन जैसा लगता है और गर्म करने पर पीला हो जाता है। नुकसान: सिंथेटिक दूध बनाने के लिए यूरिया , कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, सोडा स्टार्च और फॉरेमैलिन मिलाया जाता है। इससे फूड पॉयजनिंग हो सकती है। जिससे उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा ये किडनी और लीवर पर भी बुरा असर डालता है।

पता लगाएं दूध में यूरिया की मौजूदगी : दूध में यूरिया मिलाने पर दूध के गंध या स्‍वाद में क‍िसी तरह का कोई बदलाव नहीं होता, इसलिए इसका पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है। इसके लिए आप आधा टेबल स्पून दूध और सोयाबीन का पाउडर एक साथ मिलाएं और अच्छी तरह हिलाएं। पांच मिनट के बाद, लिटमस पेपर को तीस सेकंड के लिए डुबोएं। यदि लिटमस पेपर का रंग नीले में बदल जाए, तो इसका मतलब दूध में यूरिया है।

दूध में डिटर्जेंट की पहचान कैसे करें : 5ml से 10ml दूध लेकर इतने ही पानी में मिलाएं, इस मिश्रण को अच्छी तरह हिलाएं। अगर दूध में डिटर्जेंट मिला हुआ है, तो दूध में साबुन का गाढ़ा झाग उठने लगेगा। अगर दूध में डिटर्जेंट ऊपर हिलाने के वजह हल्का झाग आएगा।

नुकसान: डिटर्जेट मिले दूध में सोडा बहुत अधिक मात्रा में होता है जो किडनी, लीवर और हार्मोन्स आदि को नुकसान पहुंचा सकता है।

Related Posts