July 5, 2024     Select Language
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वैक्सीन का असर H3N2 पर बस इतना ही, बचा सकता है लक्षण और बचाव के तरीके

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कोलकाता टाइम्स : 
भारत में वायरल फीवर के मामले तेजी से बढ़ रहे है. इस वायरस के कारण कर्नाटक और हरियाणा में 1-1 मौत भी हुई है. अब तक देश में 90 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. वहीं देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की तादाद 3 हजार से अधिक हो गई है.  H3N2 वायरस के कारण मौतों के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या वायरल बुखार भी जानलेवा साबित हो सकता है.

दरअसल, कर्नाटक के बेंगलुरु में जिस शख्स की मौत हुई, उसकी उम्र 82 वर्ष थी. डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे लोग जिनकी उम्र ज्यादा है, कोई पुरानी बीमारी है, जैसे दिल के मरीज, किडनी की बीमारी, बेकाबू डायबिटीज या किसी और प्रकार के ऐसी बीमारी, जिससे उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया हो, ऐसे लोगों को H3N2 से सावधान रहने की जरूरत है.

बता दें कि कर्नाटक में जिस शख्स की मौत हुई, उसमें ठंड लगना, खांसी और गले में खराश जैसे लक्षण थे. मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें अलूर और आसपास के क्षेत्रों में मेडिकल टेस्ट कर रही हैं. लक्षणों वाले लोगों से स्वाब के नमूने लिए जा रहे हैं और टेस्ट के लिए भेजे जा रहे हैं. विभाग ने कई बीमारियों से ग्रस्त लोगों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की निगरानी के निर्देश दिए हैं. लोगों में जागरुकता पैदा की जा रही है कि लक्षण दिखने पर खुद से दवा न लें.

कोरोना की वैक्सीन कुछ हद तक H1N1 से तो सुरक्षा देती है लेकिन H3N2 के लिए फ्लू वैक्सीन लगाने की सलाह दी जा रही है.

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