May 15, 2024     Select Language
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फिल्म में यह काम करने पर 3 साल की सजा और 10 लाख जुर्माना

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कोलकाता टाइम्स : 

बॉलीवुड, टॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड फिल्‍म इंडस्ट्री तक में पायरे‍सी की संमस्या को सुलझाना बहुत ही मुश्किल हो गया है। इसी के चलते सिनेमाटोग्राफ संशोधन बिल 2023 को गत 27 जुलाई 2023 को राज्यसभा में पारित किया गाय। इस विधेयक में फिल्मों की गैर कानूनी रिकॉर्डिंग और उसका प्रदर्शन करने पर दोषियों के खिलाफ जुर्माने और सजा का प्रावधान भी किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस बिल पर चर्चा करते हुए कहा है कि पायरेसी के कारण फिल्म इंडस्ट्री को बहुत नुकसान होता है और ऐसे में ये विधेयक बॉलीवुड को पूरी तरह से बचाएगा। सिनेमाटोग्राफ संशोधन बिल 2023 को पारित करते हुए मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है- पायरेसी को जड़ से खत्म करना बहुत ही जरूरी है, नहीं तो ये फिल्म इंडस्ट्री को डूबो देगा। इस बिल के जरिए पायरेसी को खत्म किया जाएगा। पायरेसी के कारण फिल्म इंडस्ट्री को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। उन्होंने इस विधेयक में फिल्म सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को भी आसान करने का प्रावधान रखा है।

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा- भारत के पास वो सबकुछ है जो इसे दुनिया का कंटेंट हब बना सकता है। आज विश्व की बड़ी से बड़ी फिल्मों का पोस्ट-प्रॉडक्शन का काम भारत में होता है। एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट, ग्राफिक्स ये सभी काम भारत में अब बड़ी ही कुशलता के साथ हो रहे हैं। हमें इसके लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। पायरेसी में 3 साल तक की सजा और 10 लाख का जुर्माना इस चर्चा में शामिल बीजू जनता दल के प्रशांत नंदा ने कहा कि वह पिछले 50 साल से फिल्म उद्योग से जुड़े हैं, उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं और उन्होंने बहुत ही बुरी तरह से पायरेसी की समस्या का सामना भी किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी बॉलीवुड फिल्म को जिस दिन रिलीज किया जाता है, अगले दिन ही वह पायरेसी के कारण दुबई में दिखाई जाने लगती है। इस आपको बता दें कि इस विधेयक में पायरेसी के आरोप साबित होने पर तीन साल तक की सजा और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

सेंसर बोर्ड के फैसले का रिव्यू प्रशांत नंदा ने फिल्मों की अलग-अलग हिस्सों में बांटने के लिए विधेयक में नई कैटिगरी बनाए जाने के प्रावधान के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि यदि किसी फिल्म के बारे में सेंसर बोर्ड के फैसले की रिव्यू की जाती है तो यह काम उन्हीं सदस्यों को नहीं दिया जाना चाहिए जिन्होंने इसका निर्णय किया था। उन्होंने कहा कि रिव्यू का काम बोर्ड के अन्य सदस्यों को दिया जाना चाहिए। ओटीटी के कंटेट पर कसी गई लगाम प्रशांत नंदा ने आगे कहा- इस विधेयक के मामले में कुछ और विचार-विमर्श किए गए हैं। आज ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर दिखाई जाने वाली फिल्मों और वेब सीरीज में ढेर सारी गालियों का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इस अश्लील सीन्स भी दिखाए जाते हैं। इन्हें रोके जाने की जरूरत है। संशोधन बिल से इंडस्ट्री के हर सदस्य को फायदा आपको बता दें कि इससे पहले सिनेमाटोग्राफ संशोधन बिल 2023 को चर्चा के लिए रखते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा था कि पायरेसी भारतीय फिल्म उद्योग को खा रही है और इसको रोकने के लिए लाए गए संशोधन बिल से इंडस्ट्री के हर सदस्य को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा- दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। आज विश्व में सबसे अधिक फिल्म बनाने वाला देश भारत है। उन्होंने कहा कि ये विधेयक स्पॉट ब्वाय, स्टंट मैन, कोरियॉग्राफर जैसे लोगों के लिए है जो कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के साथ जुड़े हुए हैं।

‘यूए’ सर्टिफिकेट को कई कैटेगरी में बांटा अनुराग ठाकुर ने आगे कहा- पायरेसी के विधेयक में तीन लाख रुपये के जुर्माने और अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान रखा गया है। जुर्माने को फिल्म की ऑडिट की गई प्रॉडक्शन के ग्रॉस कॉस्ट के 5 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। विधेयक में फिल्मों को अभी तक जो ‘यूए’ सर्टिफिकेट दिया जाता है उसे तीन कैटिगरी ‘यूए7 प्लस’, ‘यूए13 प्लस’ और ‘यूए16 प्लस’ में रखने का प्रावधान भी है। इससे अभिभावकों को ये तय करने में मदद मिलेगी कि उनके बच्चे उस फिल्म को देख सकते हैं या नहीं। सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट का वैलिडिटी पीरियड इस विधेयक में फिल्मों को सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने का भी प्रावधान है। इसमें फिल्मों को दिए जाने वाले सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट की मौजूदा 10 वर्ष की वैलिडिटी पीरियड को बढ़ाकर अब हमेशा के लिए किए जाने का प्रावधान रखा गया है।

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