May 20, 2024     Select Language
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पार्टनर के होंठ आपको घेर सकती है कई बीमारियां से 

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कोलकाता टाइम्स : 
किसिंग प्‍यार जताने और फीलिंग्‍स शेयर करने का एक माध्‍यम है। पार्टनर को किस करने के फायदों के बारे में तो अपने बहुत सुना होगा लेकिन आपने किसिंग की वजह से होने वाले बीमारियों के बारे में सुना है। जी हां, किंसिंग के जरिए आप बीमार भी पड़ सकते है इसके जरिए बैक्‍टीरिया और वायरस आप तक पहुंचकर आपको बीमार बना सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में किसिंग के जरिए होनी वाली कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में बताने जा र‍हे है जो आपको संक्रमित कर सकती है। इसल‍िए किसिंग करते वक्‍त आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना बेहद जरुरी होता है। हर्पीज संक्रमण एपस्टीन-बार, वेरिसेला-जोस्टर (चिकनपॉक्स का कारण बनता है) को हर्पीस परिवार का हिस्‍सा माना जाता है।
हर्प्‍स सिंप्लेक्स वायरस
चुंबन के दौरान सीधे संपर्क में आकर संक्रमित कर सकता है। इस वायरस से होने वाले फफोले अगर ठीक भी हो इसके बाद भी यह दूसरों को संक्रमित करने की क्षमता रखते है।
खांसी-जुकाम
कई बार एक पार्टनर को खांसी-जुकाम होता है तो उसके जर्म्स किस करने से दूसरे पार्टनर के मुंह में भी चले जाते हैं। जिसके कारण माना जाता है की किस करने से लोगों को सबसे ज्यादा खांसी-जुकाम की शिकायत होती है।
मसूडें और दांतों की समस्या
किस करने से मसूडें और दांतों की समस्या भी हो जाती है। अधिकतर लोग अपने मुंह की सफाई नहीं रखते और जिससे की वे जब किस करते हैं तो खराब दांतों और खराब मसूढ़ों के बैक्टीरिया दूसरे पार्टनर के मुंह भी चले जाते हैं। जिसके कारण दांतों और मसूढ़ों की समस्याएं हो जाती है।
मुंह में छाले 
मुंह में छाले होने के दौरान तो एक-दूसरे को किस बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि किस करने के दौरान एक-दूसरे के मुंह की लार जब एक-दूसरे के मुंह में जाते हैं तो मुंह के बैक्टीरिया के फैलने का भी डर होता है। जिसके कारण होंठों और जीभ में छालों की समस्या हो जाती है। Most Read :महिलाएं इंटरकोर्स के बजाय कडलिंग पर क्यों देती हैं ज़ोर?
हेपेटाइटिस बी 
आपको जानकर थोड़ी हैरानी होगी लेकिन किसिंग से हेपटाइ‍टिस बी का वायरस फैलने का खतरा रहता है। हालांकि रक्त में लार की तुलना में इस वायरस का उच्‍च स्तर मौजूद होता है। ये संक्रमण तब किसी को अपनी चपेट में ले सकता है जब संक्रमित रक्त और लार किसी और के रक्तप्रवाह या श्लेष्म झिल्ली के सीधे संपर्क में आते हैं।
श्लेष्म झिल्ली 
मुंह और नाक सहित शरीर की विभिन्न गुहाओं की रेखा बनाती है।) इस वायरस से संक्रमित होने के सम्‍भावना ज्‍यादा तब होती है जब उनके मुंह के आसपास खुली चोट हो या घाव हो।

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