July 3, 2024     Select Language
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आनेवाले इस ठंड से लड़ने के लिए तैयार है आपका दिल?

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कोलकाता टाइम्स : 
र्दियां आने के साथ ही सेहत संबंधी कई समस्याएं सामने आने लगती हैं. फेफड़ों की परेशानी तो दिक्कत करती ही है, साथ ही दिल के मरीजों की संख्या की भी बढ़ जाती है. आलस्य की वजह से लोग अपने शरीर, खासतौर से अपने दिल को तंदुरुस्त रखने पर ध्यान नहीं देते जबकि सर्दियों में सबसे ज्यादा खतरा दिल को ही रहता है.

डॉक्टर कहते हैं, ‘ठंडे मौसम की वजह से दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल में रक्त और ऑक्सीजन का संचार कम होने लगता है. इससे हाइपरटेंशन और दिल के रोगों वाले मरीजों में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. ठंडे मौसम में ब्लड प्लेट्लेट्स ज्यादा सक्रिय और चिपचिपे होते हैं, इसलिए रक्त के थक्के जमने की आशंका भी बढ़ जाती है.’

डॉ. सेठी के मुताबिक, सर्दियों में सीने का दर्द और दिल के दौरे का जोखिम 50 फीसदी तक बढ़ जाता है. सर्दियों में धूप हल्की और कम निकलने के कारण मानव शरीर में विटामिन ‘डी’ की कमी भी हो जाती है. ऐसे में इस्केमिक हार्ट डिजीज, कंजस्टिव हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

उनके अनुसार, सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं और लोग भी ज्यादा समय घर के अंदर ही बिताते हैं, इसलिए विटामिन ‘डी’ की कमी ज्यादा होती है. सर्दियों में उचित मात्रा में धूप सेंकना बेहद जरूरी है.

डॉक्टर बताते है कि इस मौसम में हम अक्सर बढ़ी उम्र के लोगों में अवसाद देखते हैं. इससे तनाव बढ़ता है और हाइपरटेंशन होने से, पहले से कमजोर दिल पर और दबाव पड़ जाता है.

वह कहते हैं, ‘सर्दियों के अवसाद से पीड़ित लोग ज्यादा चीनी, ट्रांसफैट और सोडियम व ज्यादा कैलोरी वाला आरामदायक भोजन खाने लगते हैं, जो मोटापे, दिल के रोगों और हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है. इस मौसम में शरीर को गर्मी देने के लिए दिल ज्यादा जोर से काम करने लगता है और रक्त धमनियां और सख्त हो जाती हैं. ये सब चीजें मिलकर हार्ट अटैक की आशंका को बढ़ा देती हैं.’

डॉक्टर का मानना है कि इस मौसम में उम्रदराज और उन लोगों को, जिन्हें पहले से दिल की समस्याएं हैं, छाती में असहजता, पसीना आना, जबड़े, कंधे, गर्दन और बाजू में दर्द के साथ ही सांस फूलने की समस्या बढ़ जाती है. सर्दियों में ऐसी तकलीफों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

नियमित रूप से व्यायाम और संतुलित व पौष्टिक भोजन लेना, ऐसी समस्याओं की आशंका को काफी कम कर देते हैं.

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