November 23, 2024     Select Language
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‘भूख मिटने तक’ वेतन नहीं लेंगे पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति

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कोलकाता टाइम्स : 
पाकिस्तान में संसद के चुनाव हो गए, नया राष्ट्रपति भी चुन लिया गया. लेकिन वहां की कंगाली दूर करने का कोई समाधान अब तक वहां के नेता नहीं ढूंढ पाए हैं. आर्थिक तंगी दूर करने के लिए ठोस उपाय करने के बजाय पाकिस्तानी नेता पब्लिसिटी स्टंट करने में लगे हैं. ऐसा ही एक स्टंट अब पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति चुने गए आसिफ अली जरदारी ने किया है. जरदारी ने मंगलवार को घोषणा की कि वे आर्थिक संकट से जूझ रहे देश की चुनौतीपूर्ण हालात में मदद करने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान कोई वेतन नहीं लेंगे.
पीपीपी नेता रहे आसिफ अली जरदारी (68) ने रविवार को पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. जरदारी की पार्टी पीपीपी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर लिखा, ‘राष्ट्रपति ने विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन को प्रोत्साहित करने और राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ नहीं डालने का फैसला किया है.’

राष्ट्रपति सचिवालय ने भी मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस फैसले की घोषणा की. राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ नहीं डालने की जरूरत को समझकर वेतन नहीं लेने का फैसला किया है.’ पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को प्रति माह 8,46,550 रुपये वेतन मिलता था, जो 2018 में संसद ने तय किया था.

जरदारी पाकिस्तान के सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी ने रविवार को इस्लामाबाद के ऐवान-ए-सदर में आयोजित समारोह में दूसरी बार देश के राष्ट्रपति के तौर शपथ ली थी. जरदारी के पदचिन्हों पर चलते हुए, गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने भी देश के सामने आर्थिक चुनौतियों का हवाला देते हुए वेतन नहीं लेने का फैसला किया है. नकवी ने ‘एक्स’ पर लिखा कि वह चुनौतीपूर्ण समय में “हर संभव तरीके से” देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

बताते चलें कि पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक बदहाली के ऐसे दलदल में फंसा हुआ है कि उसे उससे बाहर निकलने का रास्ता सूझ नहीं पा रहा है. उस पर वर्ल्ड बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष समेत चीन का भारी कर्ज है.

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