फिर घिनौना काम कर गया पाकिस्तान, ऐतिहासिक हिंदू मंदिर को गिराया
यह भी बताया गया कि 1992 में भारत में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद कुछ मौलवियों और मदरसों ने इसे आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था. इब्राहिम ने अपने बचपन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पूर्वजों से इस मंदिर के बारे में अनेक कहानियां सुनीं. उन्होंने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि लैंडी कोटाल में ‘खैबर मंदिर’ नाम का एक धर्मस्थल था. पाकिस्तान हिंदू मंदिर प्रबंधन समिति के हारून सरबदियाल ने जोर देकर कहा कि गैर-मुसलमानों के लिए धार्मिक महत्व की ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करना जिला प्रशासन और संबंधित सरकारी विभागों की जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि पुरातत्व और संग्रहालय विभाग, पुलिस, संस्कृति विभाग और स्थानीय सरकार पूजा स्थलों सहित ऐसे स्थलों की सुरक्षा के लिए 2016 के पुरावशेष कानून से बंधे हैं.’’ वहीं, डॉन अखबार ने लैंडी कोटाल के सहायक आयुक्त मुहम्मद इरशाद के हवाले से कहा कि खैबर कबायली जिले के आधिकारिक भूमि रिकॉर्ड में मंदिर का कोई उल्लेख नहीं है. उन्होंने मंदिर गिराये जाने के बारे में अनभिज्ञता प्रकट की. उन्होंने कहा कि लैंडी कोटाल बाजार में पूरी जमीन राज्य की थी.