कोलकाता टाइम्स :
गोदरेज का नाम सुनते ही दिमाग में तिजोरी, आलमीरे की तस्वीर बनने लग जाती है, लेकिन ये ब्रांड सिर्फ यही नहीं बनाता. घर के ताले से लेकर लग्जरी फ्लैट तक, खाने से लेकर साबुन तक गोदरेज कई सेक्टर तक फैसा है. जिस कंपनी ने गुलाम भारत से आजादी की पहली सुबह तक देखी, आज 127 साल बाद उस कंपनी का बंटवारा हो गया. कंपनी दो हिस्सों में बंटने जा रही है. इसी के साथ लंबे वक्त से गोदरेज के बंटवारे के विवाद थम गया है. इस बंटवारे की खबर आते ही लोगों के मन में सवाल उठने लगे कि आखिर देश के सबसे पुराने और बड़े कॉरपोरेट घरानों में शामिल गोदरेज परिवार में ये नौबत आई क्यों? बंटवारे के बाद अब किसके हाथों में क्या होगा, किसे जिम्मेदारी मिलेगी ?
गोदरेज दो हिस्सों में बंट रहा है. एक तरफ आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा हैं. आदि गोदरेज समूह के अध्यक्ष हैं तो नादिर गोदरेज इंडस्ट्रीज और गोदरेज एग्रोवेट में अध्यक्ष पद पर है. जबकि उनके चचेरे भाई जमशेद नॉन-लिस्टेड गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के अध्यक्ष हैं. उनकी बहन स्मिता कृष्णा और रिशाद गोदरेज के पास भी गोदरेज एंड बॉयस में हिस्सेदारी है. गोदरेज कंपनियों में अपनी शेयर-होल्डिंग के ऑनरशिप री-स्ट्रक्चर के लिए ये बंटवारा किया जा रहा है. गोदरेज परिवार के सदस्यों के अलग-अलग दृष्टिकोणों को स्वीकार करते हुए, कंपनी में स्वामित्व को बेहतर ढंग से तय करने के लिए बंटवारा किया गया.
इस बंटवारे से आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज को गोदरेज ग्रुप की 5 लिस्टेड कंपनियां – गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज की ऑनरशिप मिली है तो वहीं जमशेद और उनकी बहन स्मिता को अनलिस्टेड कंपनियों और लैंड बैंक का स्वामित्व मिला है. बंटवारे के बाद अब नई जेनरेशन के हाथों में अहम जिम्मेदारियां होगी. बंटवारे के बाद गोदरेज एंड बॉयस के तहत काम करने वाली इंजीनियरिंग, होम अप्लायंसेस, फर्नीचर, सिक्योरिअी प्रोडक्ट्स, सिस्टम्स फॉर एयरोस्पेस, इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट की जिम्मेदारी जमशेद गोदरेज और उनकी बहन के हाथों में होगी.