जगह नहीं मिलने पर इस फेमस क्रिकेटर ने सचिन पर उठाये ऐसे सवाल, फिर खुली पोल

मांजरेकर ने कहा था, ”यह कहानी 1992 के वर्ल्ड कप की है, जब विनोद कांबली भारतीय वर्ल्ड कप टीम में थे. कांबली एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके बारे में आप जानते ही होंगे कि वे एक चरित्रवान व्यक्ति हैं. वे मेरे और सचिन के साथ बहुत दोस्ताना व्यवहार रखते थे. वर्ल्ड कप के पहले कुछ मैचों में वे नहीं खेल रहे थे. उनका मूड ठीक नहीं था, वे थोड़े परेशान थे. सचिन और मैं दो स्थापित खिलाड़ी थे, इसलिए हमें सभी मैच मिल रहे थे. लेकिन हर मैच के बाद जब हम मिलते तो वे हमारे पीछे पड़ जाते. वे आलोचना करते- यह क्या बल्लेबाजी है? आप और तेज खेल सकते . वे सचिन को भी नहीं बख्शते थे.”
मांजरेकर ने आगे कहा था, ”जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में सचिन और मैंने अच्छी साझेदारी की थी. यह एक छोटा लक्ष्य था और हमने मैच जीत लिया. इसके बावजूद शाम को कांबली ने फिर कहा- मैच और सब ठीक है, लेकिन हम इसे बहुत पहले जीत सकते थे. उन्होंने सचिन से कहा- जॉन ट्रेकोस एक बहुत ही साधारण गेंदबाज है. आप उसे मैदान से बाहर मार सकते थे, आप सिंगल ले रहे थे. सचिन ने कहा- हमारा लक्ष्य मैच जीतना था. लेकिन विनोद ने कुछ नहीं सीखा. अगर कोई एक व्यक्ति है जो सचिन को परेशान कर सकता है, तो वह विनोद कांबली हैं.”