इस मंदिर का चमत्कार, 90 किलो पत्थर भी उठा लेंगे एक ऊँगली से
कोलकाता टाइम्स :
मंदिर और दरगाह को लेकर बहुत से चमत्कारों के बारे में आपने सुना होगा। अक्सर लोग इन पर विश्वास कर लेते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसा भी होता है जिसपर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होता है। एक ऐसे ही चमत्कार के बारे में आज हम आपको बताते हैं।
अगर हम आपसे पूछे की क्या आप ग्यारह लोग मिलकर अपनी एक अंगुली से 90 किग्रा. के पत्थर को अपने सिर तक उठा सकते है? तो शायद आपका जवाब होगा, नही। लेकिन पुणे स्थित ‘बाबा हजरत कमर अली की दरगाह’ में एक ऐसा ही चमत्कार लोग अपनी आंखों से देख सकते हैं। हजरत कमर अली एक सूफी थे जिनका निधन मात्र 18 साल की उम्र में हो गया था। उन्हें उनकी मृत्यु के बाद संत की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
इस दरगाह में सूफी संत की चमत्कारिक शक्तियां आज भी विद्यमान है। इसका जीता जागता उदाहरण दरगाह परिसर में रखा करीब 90 किग्रा. का पत्थर है। इस पत्थर को यदि 11 लोग सूफी संत का नाम लेते हुए अपनी तर्जनी अंगुली से उठाते है तो यह पत्थर आसानी से ऊपर उठ जाता है। लेकिन इस पत्थर से जुड़ा एक रहस्य ये भी है कि अगर इसे उठाने वाले लोगों की संख्या 11 से कम है या वे तर्जनी अंगुली के अलावा किसी और अंगुली का प्रयोग इसे उठाने में करते हैं तो ये पत्थर नही उठाया जा सकेगा।
एक खास बात ये भी है कि इस पत्थर को दरगाह से बाहर ले जाकर उठाने की कोशिश की जाये तो यह टस से मस भी नहीं होता है। फिर चाहे आप कितने ही ताकतवर इंसान क्यों न हो।
इस दरगाह पर हर धर्म, जाति और समुदाय से लोग मन्नत मांगने आते हैं। दरगाहों की तरह यहां महिलाओं को लेकर भी किसी प्रकार की कोई बंदिश नही है।