अब हनुमानजी ही अपनी जाती बताकर रोके उबल रहे ‘भक्ति’
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कोलकाता टाइम्स :
अब भगवान को भी उच्च-नीच, दलित-ब्राह्मण में बाटने लगा है इंसान। अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वारा बजरंगबली को दलित बुलाए जाने के बाद दूसरे कैसे पीछे रहे। इसी क्रम में दलित समाज के लोगों ने जहां आगरा के एक हनुमान मंदिर पर कथित तौर पर कब्जा कर लिया वहीं, इस विवाद में शंकराचार्य भी कूद पड़े। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की कड़े शब्दों में निंदा की है। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने दलित समाज से देशभर के सभी हनुमान मंदिरों पर कब्जा करने और वहां का पुजारी बनने का आह्वान किया है। इस बीच शनिवार को योग गुरु बाबा रामदेव ने भी हनुमान को लेकर बयान दिया। उन्होंने हनुमान को ज्ञानी और क्षत्रिय बताय। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगरा में कांग्रेस नेता अमित सिंह के साथ दलित समाज के लोगों ने शहर के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध हनुमान मंदिर पर अपना दावा ठोक दिया। मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया और ऐलान किया गया कि अब हनुमान मंदिर के पुजारी और व्यवस्थापक दलित समाज के लोग होंगे।
कांग्रेस नेता अमित सिंह ने खुद को दलित बताते हुए कहा कि अब से अपनी जाति के देवता हनुमान के सभी मंदिरों में हम ही पूजा करेंगे और इनके हम ही महंत होंगे। बजरंगबली की जाति को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि तुलसीदास ने हनुमान के बारे में लिखा है कि कांधे मूज जनेऊ साजे, इसका सीधा अर्थ है कि वह ब्राह्मण थे न कि दलित। उन्होंने जबलपुर में कहा कि बीजेपी राम मंदिर के निर्माण को लेकर ईमानदार नहीं है।