सेल्फी लेना मानसिक बीमारी
कोलकाता टाइम्स :
इन दिनों युवाओं के बीच में तेजी से बढ़ रहे सेल्फी के क्रेज पर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सेल्फी को डॉक्टरों ने एक तरह की मानसिक बीमारी बताया है। एक अंग्रेजी वेबसाइट के अनुसार, तकरीबन तीन महीने पहले स्कूली छात्रा के द्वारा दिन में कई सेल्फी खींचने पर उसके घरवालों ने मनोचिकित्सक से संपर्क किया। २० वर्षीय छात्रा को देखने के बाद मनोचिकित्सक डॉ सागर ने सेल्फी को एक मानसिक बीमारी की तरह बताया। जीटी अस्पताल के डॉ सागर के मुताबिक, ‘एक ही दिन में लगभग 20 से भी अधिक सेल्फी खींचने की वजह से परेशान छात्रा के माता-पिता ने मुझसे संपर्क किया था। छात्रा द्वारा लगातार सेल्फी खींचने पर परिवार वाले बहुत दुखी हैं। परिवार वाले बताते हैं कि सेल्फी की वजह से उनकी बेटी के व्यवहार में काफी बदलाव आ गया है।’ डॉ सागर ने कहा कि, सेल्फी खींचने की कई वजह हैं। कई लोग खुद को प्रोत्साहित करने के लिए भी सेल्फी लेते हैं। उन्होंने बताया कि, सेल्फी की लत कई बार दूसरे लोगों के लिए हानिकारक भी बन जाती है। इसके साथ ही अमेरिकी मनोरोग एसोसिएशन ने भी सेल्फी को एक तरह की बीमारी बताई है। इतना ही नहीं, शहर के कई डॉक्टरों ने सेल्फी लत को गैजेट के अत्यधिक इस्तेमाल से भी जोड़ा है। जानकारी के अनुसार, सेल्फी की यह लत तकरीबन 18 से 25 साल की आयु वाली लड़कियों में पाई जाती है।