देर तक काम करना पड़ा महंगा, मिला देश छोडऩे का फरमान…
कोलकाता टाइम्स :
अभी तक तो हम सब यही सुनते आ रहे हैं कि मेहनत ही कामयाबी का रास्ता है। मेहनत करने वाला हमेशा आगे बढ़ता है और भगवान भी उसका साथ देते हैं। लेकिन कोपेनहेगर के डेनमार्क में एक अनोखा मामला सामने आया है।
दरअसल कैमरून से डेनमार्क आये इंजीनियरिंग के छात्र मारियस को अधिक देर तक पार्ट-टाइम काम करने के कारण देश से निकाल दिया गया।
उस युवक का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अधिक मेहनत कर अधिक घंटों तक काम किया इसलिए उसे देश से निकालने का फरमान जारी कर दिया गया।
जानकारी के लिए बता दें कि यूरोपीय देशों में डेनमार्क को अपनी सख्त प्रवासी नीतियों के लिए जाना जाता है और इस देश की सरकार ने कुछ ऐेसे कड़े नियम बनाये हैं ताकि विदेश से आए लोग वहां हमेशा के लिए न बस जाएं।
माारियस वहां अपनी पढ़ाई के साथ-साथ टाइम क्लीनर का काम भी करता था और कभी-कभी उसके काम करने के घंटे निर्धारित समय से अधिक हो जाते थे और इसी कारण उसे वहां से निकालने का फरमान जारी कर दिया गया।
हालांकि जिस यूनिवर्सिटी में मारियस पढ़ रहे हैं वहां के अधिकारी उनके इस फैसले से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं और उन्होंने अप्रवासी सेवा विभाग को इस बात का विरोध करते हुए पत्र भी लिखा है।
वहीं सरकार की तरफ से एक अधिकारी ने यह कहा है कि फैसला, नीतियों के हिसाब से ही लिया गया है। इस घटना के बाद से मारियस बहुत चिंतित है क्योंकि उसे लग रहा है कि अब उसकी मेहनत पर पानी फिर गया ।