इस ठेके पर भी मिलेगी नशा, जिसकी लत से निकल पड़ेगी जिंदगी
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कोलकाता टाइम्स :
यह भी ठेका ही है, यहां आने पर नशा ही मिलती है। पर एक ऐसा नशा जिसके लत लगते ही आपकी जिंदगी नयी रह पाकर लेगी।
पंजाब खन्ना-मालेरकोटला रोड पर स्थित गांव जरगड़ी में एक ठेका खुला है जहां आकर नशा करने से फायदा ही होगा। जिले में जाएं तो यहां दूर से ही लिखा दिखाई दे जाता है, ‘ठेका किताब… देसी ते अंग्रेजी’, यानि एक ऐसा ठेका, जहां शराब नहीं किताबें मिलेंगी. असल में लाइब्रेरी को ठेके का नाम दिया गया है, क्योंकि यह क्रिएटीविटी को दर्शाता है।
गांव जरगड़ी में दर्शनदीप सिंह गिल के फॉर्म हाउस के बीच दीवार पर लिखा ‘ठेका’ शब्द पढ़कर यहां से गुजरता हर शख्स रुकता जरूर है। अगर मतलब समझ आ जाता है तो फिर मुस्कुराते हुए इसका जायजा भी लेता है।
इंग्लिश टीचर दर्शनदीप सिंह गिल का यह दिलचस्प विजन है, जिनको पढ़ने-लिखने का नशा है, ऐसे शौकीनों के लिए इस ठेके पर तमाम किताबें मुफ्त उपलब्ध हैं।