November 23, 2024     Select Language
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भूलकर भी न करे यह भूल वरना शरीर को जहर देने लगेगा फेफड़ा

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कोलकाता टाइम्स : 

फेफड़ों के जरिए शरीर तक पहुंचने वाला ज़हर सांस लेने में कठिनाई पैदा करता है। उसके बाद, त्वचा या मुंह के जरिए शरीर के भीतर पहुंचने वाले ज़हर, चाहे वह दुर्घटनावश भीतर पहुंचा हो या जान-बूझ कर, के बारे में बात करेंगे। जो ज़हर बागबानी या कृषि कीटनाशकों से सम्पर्क में आने के बाद सामने आता है, उसका इलाज भी इसमें शामिल है। अधिकतर ज़हर का शरीर के भीतर पहुंचना दुर्घटनावश ही होता है और इसीलिए दुर्घटना के खिलाफ सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।

यह न करें:

1. कभी भी टैबलेट या दवाइयों को बच्चों की पहुंच में नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें ताला लगा कर आलमारी में रखना चाहिए (आलमारी के सबसे ऊपर वाले हिस्से में)।

2. टैबलेट या दवाइयों को अधिक समय तक भंडारित करके नहीं रखना चाहिए. वे खराब हो सकती हैं और इलाज के बाद यदि कोई दवाई बची हुई हो, तो उसे आपूर्तिकर्ता को वापस कर देनी चाहिए या शौचालय में बहा देना चाहिए।

3. दवाई कभी भी अंधेरे में नहीं लेनी चाहिए- दवाई लेने या देने से पहले हमेशा लेबल जरूर पढ़ें।

4. खतरनाक द्रव्यों को कभी भी लेमोनेड या अन्य पीने की सामग्री की बोतलों में न डालें। बच्चे उसे पीने की सामग्री समझ कर उसके भीतर के खतरनाक द्रव्य को पी सकते हैं।

5. घरेलू क्लीनर और डिटर्जेंट को कभी भी सिंक के नीचे न रखें, जहां बच्चे उन्हें ढूंढ सकते हों। (ब्लीच और टॉयलट क्लीनर जब एक साथ मिलते हैं, तो वे सफाई नहीं करते, लेकिन ज़हरीली गैस जरूर पैदा करते हैं जिसमें सांस लेना जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।

6. जान-बूझ कर कभी भी उल्टी न करवाएं: कभी भी नमक के पानी की अधिक मात्रा न दें।

7. कभी भी कुछ भी मुंह के जरिए न दें (जब तक कि मुंह जला हुआ न हो और पीड़ित होश में न हो)।

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