कोरोना से भी तेज : 11 लाख को झटका देने आ रहा एम्फन, मोर्चा सँभालने पहुंचे एनडीआरएफ टीम
कोलकाता टाइम्स :
कोरोना और इस लॉकडाउन के बीच जानोमाल को और तीतर-बितर करने तेज गति से बढ़ रहा चक्रवाती तूफान एम्फन। इसके खतरे को देखते हुये ओडिशा और पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गईं। इस बीच, ओडिशा ने कहा कि वह इस चक्रवात से बुरी तरह से प्रभावित होने वाले 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयार है।
इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि आज शाम 4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइक्लोन पर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। इस बैठक में गृह मंत्रालय और एनडीएमए के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे। चक्रवाती तूफान के गति और क्षमता को देखते हुए एम्फन के रास्ते से गुजरने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को निरस्त करने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा कि संभवत: यह उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के पास उत्तर-उत्तरपूर्वी दिशा की तरफ बढ़ेगा और 20 मई को दोपहर या शाम के दौरान अत्यंत प्रचंड तूफान के रूप में बांग्लादेश में हटिया द्वीप और पश्चिम बंगाल के दीघा के बीच पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश तट के बीच से गुजरेगा। इस दौरान 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जो कभी भी 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं।
एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने नई दिल्ली में कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रविवार सुबह की एक रिपोटज़् के अनुसार चक्रवात अम्फान बंगाल की खाड़ी में एक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो रहा है। संभवत: अगले 24 घंटों में यह अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।
चक्रवाती तूफान के भारतीय तट की ओर बढऩे के चलते ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई तटीय जिलों में तेज रफ्तार हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है। कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जी के दास ने बताया कि यह तूफान 20 मई की दोपहर और शाम के बीच में अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान के तौर पर पश्चिम बंगाल में सागर द्वीपसमूह और बांग्लादेश के हतिया द्वीप समूह के बीच पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटीय क्षेत्रों से गुजर सकता है।
विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने यह जानकारी दी. राज्य के 12 तटीय जिले गंजम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुदाज़् और नयागढ़ हाई अलर्ट पर हैं। उन्होंने बताया कि 12 तटीय जिलों में 809 चक्रवात आश्रय केंद्र बनाए गए हैं।