कहीं आप भी नींद में तो नहीं करते बक बक? तो इसे जरूर पढ़े
कोलकाता टाइम्स :
आप ने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग नींद में भी चुप नहीं रहते है. कुछ ना कुछ बोलते रहते है. इसी विषय पर हाल ही में एक शोध हुआ. इस शोध में सामने आया है कि सोते हुए बोलने वाले ज़्यादातर इंसान संक्षेप्त में बोलते हैं और आम तौर पर वह ऊट-पटांग चीज़ें ही बोलते हैं.
स्लीप टॉकिंग की इस बीमारी का नाम है ‘Somniloque’. नींद के भी कई चरण होते हैं. एक वो अवस्था होती है, जिसमें हम सपना देखते है. अंग्रेजी में नींद के इस फेज़ को Rapid Eye Movement (REM) स्लीप कहते हैं. इस अवस्था में आम तौर पर हमारा मुंह और Vocal Chord निष्क्रिय होते हैं. लेकिन जब हम सपने में थोड़े उत्तेजित होते हैं, तो कोई शब्द या वाक्य बोल पड़ते हैं. इस अवस्था में जब हम बोलते हैं तो हमारी आवाज़ काफी ऊंची निकलती है.
नींद की दूसरी अवस्था या फेज़ है Non-Rapid Eye Movement. ये वह स्टेज है जब हम पूरी तरह से गहरी नींद में नहीं होते बल्कि आधी-अधूरी नींद में होते हैं. इस अवस्था में हम ज़्यादातर ऊट-पटांग चीज़ें बोलते हैं. रिपोर्ट में सामने आया है कि इंसान की नींद जब पूरी गहरी नहीं होती, वह सिर्फ तभी नींद में बोलता है. खराटे लेने वाले और सोते वक़्त दातों को खुरचने वाले लोग शायद ही कभी नींद में बोलते हैं.
इन सब के अलावा एक तीसरी परिस्तिथि भी है. रिपोर्ट बताती है कि लगातार काफी दिनों तक नींद में बोलने की बीमारी से जूझ रहे युवा वास्तव में Stress यानि तनाव में होते हैं. अगर आप भी सोते हुए काफी दिनों से लम्बे-लम्बे वाक्य बोल रहे हैं, तो आपको जल्द ही अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए कोई रास्ता खोजना होगा. ऐसे लोग ज़्यादातर अपनी छिपी हुई इच्छायों के बारे में बात करते हैं. ऐसी कोई चीज़ या कोई इंसान जिसे वो बहुत चाहते हों.