अब चीन देखेगा चीता का ‘हेरोन’ वॉर, भारत पूरी तरह तैयार
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कोलकाता टाइम्स :
चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत ने चीता प्रोजेक्ट फिर से शुरू कर दिया है। प्रोजेक्ट चीता के तहत चीन सीमा पर तैनात हेरोन ड्रोन्स को अब और भी ज्यादा घातक बनाया जाएगा।
हेरोन ड्रोन्स का इस्तेमाल हमारे देश की सेनाएं लद्दाख में चीन से जारी तनाव में कर रही हैं। यह ड्रोन्स बेहद शानदार तरीके से चीनी सैनिकों की निगरानी का काम कर रहे हैं। इन ड्रोन्स को घातक मिसाइलों और लेजर बमों से लैस किया जाएगा।
प्रोजेक्ट चीता में टोही हेरोन ड्रोन को हथियार से लैस करना है। इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें लगायी जाएंगी. इसके साथ ही इसमें हवा से छोड़ी जाने वाली एंटी टैंक मिसाइलें लगायी जाएंगी। इन्हें लेजर गाइडेड बमों से लैस किया जाएगा।
इस बदलाव का फायदा ये होगा कि अब तक टोही ड्रोन्स के रूप में इस्तेमाल हो रहे हेरॉन अब डेस्ट्रॉयर यानी दुश्मनों को नष्ट करने वाले ड्रोन में तब्दील हो जाएंगे। फिलहाल पूवीज़् लद्दाख में चीन सीमा के पास फॉरवर्ड बेस पर इनकी तैनाती की गयी है। आर्मी और एयरफोर्स लगातार इनकी मदद से देख रहे हैं कि चीनी सैनिक पीछे हट रहे हैं या नहीं, या फिर सीमा के करीब उनकी संख्या कितनी है।
अपग्रेड होने से बड़ा फायदा ये होगा कि बिना किसी नुकसान के दुश्मन के ठिकाने नष्ट किए जा सकेंगे। इनके जरिए टैंक और दूसरी बख्तरबंद गाडिय़ों को तबाह किया जा सकता है। 10 किमी की ऊंचाई से दुश्मन की एक-एक हरकत देख सकता है।