November 23, 2024     Select Language
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भगवान शिव की वे 10 बातें जिन्हें अगर सिख लिया खुद को देख खुद ही चौंक जायेंगे 

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कोलकाता टाइम्स :

गवान शिव, जिन्‍हें आप शंकर, नीलकंठ और ना जाने कितने नामों से पुकारते हैं। भगवान शिव को सृष्टि का रचनाकार कहते हैं और लोग उन्‍हें देवों के देव इस नाम से भी पुकारते हैं। व‍ह अगर भोलेनाथ हैं तो फिर उनका गुस्‍सा भी कम नहीं हैं। बचपन से आप सुनते आए होंगे कि वह अपने गुस्‍से से पलभर में इस सृष्टि को नाश कर सकते हैं।

उन्‍हें ईश्‍वर का दर्जा मिला है और इंसान शायद ही कभी उनकी बराबरी कर सके। लेकिन इन सबके बावजूद उनके व्‍यक्तित्‍व की कुछ बातें ऐसी हैं जिन्‍हें आप सीखकर अपने रोजमर्रा की जिंदगी में अपना सकते हैं।

ऐसी बातें जो न केवल आपको बाकी लोगों से अलग करेंगी बल्कि अपने आसपास के माहौल में आपको एक अलग ही स्‍थान दिलाने में मदद करेंगी।

एक नजर डालिए भगवान शिव की इन्‍हीं 10 बातों पर।

कभी बुराई या नाइंसाफी बर्दाश्‍त न करें

भगवान शिव को बुराई का नाश करने वाला माना जाता है। उन्‍होंने कभी भी अन्‍याय नहीं सहा और बुराई के प्रतीक राक्षसों का नाश किया। इसी तरह से आप भी अपनी जीवन में हर बुराई के खिलाफ लड़ें और हर होने वाले अन्‍याय के खिलाफ आवाज जरूर उठाएं।

आत्‍मनियंत्रण सफलता की कुंजी

एक अनियंत्रित मन और दिमाग आपको विनाश की ओर ले जा सकता है। जब तक आपका ध्‍यान भटकता रहेगा आप कभी कोई युद्ध या लड़ाई जीत नहीं सकेंगे। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि आप अपने दिमाग और दिल को अपने लक्ष्‍य की ओर ही केंद्रित रखें और इसे कभी भटकनें न दें

शांतचित्‍त होकर आगे बढ़ें

भगवान शिव को ‘महायोगी’ भी कहते हैं क्‍योंकि वह घंटों तक इस ब्रह्मांड के सुखी रहने के लिए तप किया करते थे। भगवान शिव का यह गुण आपको सीखा सकता है कि अगर आपका दिमाग शांत है तो फिर आप कोई भी लड़ाई जीत सकते हैं। किसी भी समस्‍या से बाहर निकलने के लिए यह एक बेहतर रणनीति होती है।

भौतिक चीजों के पीछे न भागे

भगवान शिव हमेशा धन और संपदा से दूर रहे। उनके पास अगर कुछ था तो वह था एक त्रिशूल और एक डमरू। वह आपको सिखा सकते हैं कि अगर आप भौतिकवाद के पीछे भागेंगे तो फिर कभी खुशियों को हासिल नहीं कर पाएंगे।

नकारात्‍मक माहौल को हावी मत होने दें

भगवान शिव को विष का पान करने की वजह से नीलकंठ नाम मिला था। समुद्र मंथन से निकले विष को सिर्फ भगवान शिव ही अपने कंठ में रख सकते थे। इस घटना से भगवान शिव ने दुनिया को हमेशा सकारात्‍मक रहने का संदेश दिया। उन्‍होंने बताया कि नकरात्‍मक माहौल या कोई घटना हमें सिर्फ कमजोर कर सकती है।

जुनून विनाश की ओर ले जाता है

भगवान शिव हमेशा हर तरह की इच्‍छाओं से दूर रहे। उन्‍होंने कभी किसी चीज को हासिल करने का जुनून नहीं रखा। उनसे एक सच आपको सीखने को मिल सकता है कि इच्‍छाएं हमेशा जुनून की ओर ले जाती हैं और जुनून कभी-कभी आपके विनाश की वजह बन सकता है।

अपनी पत्‍नी का सम्‍मान

भगवान शिव को अर्धनारीश्‍वर भी कहते हैं जिसमें उनका आधा हिस्‍सा उनकी पत्‍नी पार्वती का है। उन्‍होंने हमेशा पार्वती को सम्‍मान के साथ रखा और उनका हमेशा ध्‍यान रखा। पार्वती उनकी शक्ति थी और उन्‍होंने हमेशा उन्‍हें वह महत्‍व दिया जिसकी वह हकदार थीं। आप भी अपनी जिंदगी में अपनी पत्‍नी को वहीं स्‍थान दे जो भगवान शिव ने पार्वती को दिया था।

अपने घमंड को काबू में रखें

आपका घमंड कभी-कभी आपके लक्ष्‍यों को हासिल करने और आपके सपनों के चूर-चूर होने की वजह में तब्‍दील हो सकता है।कहते हैं कि भगवान शिव अगर हाथ में त्रिशूल लेकर चलते थे तो इसका मकसद था कि वह अपने घमंड को काबू में रख सकें। उन्‍होंने न तो कभी अपने घमंड को अपने ऊपर हावी होने दिया और न ही किसी के घमंड को बर्दाश्‍त किया।

हर चीज सिर्फ कुछ क्षण के लिए

भगवान शिव एक महायोगी थी और महायोगी कभी भी मोहमाया में नहीं पड़ते हैं। वह इस बात को जानते हैं कि जिंदगी सिर्फ कुछ पल की ही है और आज जो कुछ भी है वह कल कभी नहीं मौजूद रहेगा। जिंदगी में बदलाव आते हैं और हमें भी उन बदलावों को स्‍वीकार करना होगा।

शिव से सीख सकते हैं नृत्‍यकला भी

भगवान शिव को नटराज या फिर नृत्‍य का राजा माना जाता है। हालांकि उनके नृत्‍य तांडव को दुनिया के विनाश का कारण माना जाता है लेकिन यह भी एक कला है जो उन्‍होंने इस दुनिया को दी है।

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