शत्रु नाश के साथ सुंदरता के लिए करें ये उपाय
कोलकाता टाइम्स :
पद्मा या देवशयनी एकादशी को अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुखों का शमन होता है, उसके मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। देवशयनी एकादशी से ही चतुर्मास प्रारंभ होता है, भगवान विष्णु के चार माह तक क्षीर सागर में शयन के कारण कोई भी विवाह या मांगलिक कार्य नहीं होता है।
भगवान श्रीहरि विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने के साथ ही आपकी जो मनोकाना है, उसकी पूर्ति के लिए चार माह तक एक वस्तु का त्याग करना होता है। ज्योतिषाचार्य बता रहे हैं कि किस मनोकामना की पूर्ति के लिए व्यक्ति को किस वस्तु का त्याग करना होता है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस अवसर पर अगले चार महीनों के लिए अपनी रुचि के अनुसार, नित्य व्यवहार के पदार्थों का त्याग और ग्रहण करें।
1. मधुर स्वर प्राप्त करने के लिए गुड़ का त्याग करें।
2. दीर्घायु अथवा पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति के लिए तेल का त्याग करें।
3. शत्रु नाश के लिए ‘कडुवे तेल’ का त्याग करें।
4. सौभाग्य प्राप्ति के लिए ‘मीठे तेल’ का त्याग करें।
5. स्वर्ग प्राप्ति के लिए ‘पुष्पादि’ भोगों का त्याग करें।
6. देह शुद्धि या सुन्दरता के लिए परिमित प्रमाण के ‘पंचगव्य’ का त्याग करें।
7. वंश वृद्धि के लिए नियमित ‘दूध’ का सेवन त्याग दें।
8. कुरुक्षेत्रादि के समान फल मिलने के लिए पात्र में भोजन करने के बदले ‘पत्र’ का उपयोग करें।
9. सर्वपापक्षय पूर्वक सकल पुण्य फल प्राप्त होने के लिए ‘एकभुक्त’, नक्तव्रत, अयाचित भोजन या ‘सर्वथा उपवास’ करने का व्रत ग्रहण करें।