November 23, 2024     Select Language
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खाना नहीं बिजली नहीं, नर्क बना यहां के लोगों की जिंदगी, देर रात बिगड़े हालात देख सरकार ने लगाया इमरजेंसी 

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कोलकाता टाइम्स : 
पिछले काफी दिनों से आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका में हालात फिर बिगड़ गए हैं. जनता में विरोध बढ़ते देख राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने शुक्रवार रात देश में इमरजेंसी लागू करने का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही सरकार ने बिना इजाजत विरोध प्रदर्शन करने और सड़कों पर उतरने पर भी बैन लगा दिया है.

बताते चलें कि श्रीलंका को वर्ष 1948 में अंग्रेजों से आजादी मिली थी. उसके बाद से वह पहली बार इतने बुरे दौर से गुजर रहा है. पर्यटन पर आश्रित रहने वाले श्रीलंका की पिछले 2 साल से चल रही कोरोना महामारी ने कमर तोड़ दी है. रही-सही कसर राजपक्षे सरकार के कई अदूरदर्शी फैसलों ने पूरी कर दी. इन सबके चलते सरकार का खजाना लगभग पूरी तरह खाली हो चुका है.

आलम ये है कि पिछले एक महीने से श्रीलंका में खाने-पीने के सामान और दवाईयों की भयंकर कमी चल रही है. वहां के पेट्रोल पंप खाली पड़े हैं. लोग वहां ईंधन के इंतजार में खड़े हैं लेकिन सरकार के पास तेल खरीदने के लिए डॉलर ही नहीं हैं. देश में पसरे इस गंभीर आर्थिक संकट ने श्रीलंका के 22 करोड़ लोगों की जिंदगी नरक बना दी है.

सरकार से नाराज लोग पिछले 1 महीने से लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को भी स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने कोलंबो में बनी श्रीलंकाई संसद में घुसने की कोशिश की. स्टूडेंट्स को रोकने के लिए पुलिस ने उन पर पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे. इसके बावजूद जब स्टूडेंट्स टस से मस नहीं हुए तो पुलिस को पीछे हटना पड़ा.

हालात हाथ से निकलते देख श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने शुक्रवार रात देश में आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी.

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