बिच राह बाराती-दूल्हों को छोड़ लाखों लेकर ऐसी भागी दुल्हनें कि पुलिस भी हैरान
फरियादी ने पुलिस को बताया कि उसके दो बेटे है, जिनकी शादी नहीं हुई है. वे दिव्यांग हैं. उन्होंने दिन-रात मेहनत करके करीब सात लाख रुपये जमा किए थे. जब इसकी जानकारी गणेश और सुन्दरबाई को लगी तो दोनों ने इसकी जानकारी अपने रिश्तेदार महेश को दी. इसके बाद गणेश अपनी मां सुन्दरबाई को लेकर जगदीश के पास पहुंचा और कहा, ‘दोनों बेटों की शादी नहीं हो रही है, उम्र हो गई है. जल्द शादी करो. यदि लड़कियां नहीं मिल रही तो हमें बताओ, हम दुल्हनें ढूंढ़ देंगे.’
दोनों की बातों में आकर जगदीश ने आरोपियों को आठ लाख रुपये दिए . इसके बाद मंदिर में फरियादी के बेटे लखन, प्रहलाद, साले के बेटे जितेंद्र के साथ एक अन्य युवक की शादी भी कराई.
शादी के बाद तीन दिसंबर को चारों की बारात निकाली गई. इस दौरान दूल्हे और मेहमान आगे नाच-गाना कर रहे थे. वहीं, दुल्हनें पीछे चल रही थीं. मुकान पर पहुंचने से पहले से ही देखते ही देखते तीन दुल्हनें एक गाड़ी में बैठकर फरार हो गई. जबकि चौथी ने पेट दर्द का बहाना किया. उसे अस्पताल लेकर गए तो वह वहां से फरार हो गई. जब दुल्हनें नहीं लौटीं तो ठगी का अहसास हुआ.