मौत दे रही चिप्स, बिस्किट और नमकीन, विलेन बना रहे अच्छे फैट को
आपको बता दें कि किसी भी तेल को जब हाइड्रेजिनेशन की प्रक्रिया के जरिए जमाया जाता है और उसे जमे हुए फैट में बदला जाता है तो वो ट्रांस फैट या ट्रांस फैटी एसिड्स की शक्ल ले लेता है. आपको बता दें कि बिस्किट हो या नमकीन इनमें ट्रांस फैट का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि लंबे समय तक ये खराब ना हों और मजे से खाया जा सके.
जान लें कि देसी घी और मक्खन ट्रांस फैट नहीं है लेकिन तीन बार से ज्यादा तला जा चुका रिफाइंड आयल ट्रांस फैट बन जाता है. ट्रांस फैट शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है. इससे भी खराब बात ये है कि ज्यादा मात्रा में ट्रांस फैट्स लेने से शरीर में मौजूद गुड कोलेस्ट्रोल यानी जरूरी फैट भी बैड कोलेस्ट्रोल में बदलने लगता है. भारतीयों को दिल की बीमारी देने में ट्रांस फैट्स का बड़ा रोल है.
डॉक्टरों के मुताबिक, ट्रांस फैट की जरूरत हमारे शरीर को है ही नहीं. ट्रांस फैट हमारे शरीर में मौजूद अच्छे फैट को भी खराब फैट में तब्दील कर देते हैं.