यहां भूख ने ले ली 500 बच्चों की जान, हिला देगी ये हकीकत
सूडान में सेना और एक प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल के बीच महीनों से चल रहे तनाव के बाद 15 अप्रैल को खुली लड़ाई शुरू हो गई थी, जिससे वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई. संघर्ष ने खार्तूम और अन्य शहरी क्षेत्रों को युद्ध के मैदान में बदल दिया है. कई निवासी पानी और बिजली के बिना रहने को मजबूर हैं, जबकि देश की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली लगभग ध्वस्त हो गई है.
सूडान में ‘सेव द चिल्ड्रन’ के निदेशक आरिफ नूर ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हम इतनी संख्या में बच्चों को भूख से मरते देखेंगे, लेकिन सूडान में अब यही हो रहा है. हम बच्चों को ऐसी स्थिति में मरते देख रहे हैं, जिसे पूरी तरह रोका जा सकता था.”
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता लिज थ्रोसेल के अनुसार, सूडान में हिंसा में कम से कम 4,000 लोगों के मारे जाने का अनुमान है. जमीनी स्तर पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों का कहना है कि मरने वालों की संख्या कहीं अधिक होने की संभावना है. संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी के अनुसार, 44 लाख से अधिक लोगों को अपने घरों से भागकर या तो सूडान में सुरक्षित क्षेत्रों में या पड़ोसी देशों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
‘सेव द चिल्ड्रन’ ने कहा कि मई और जुलाई के बीच, दक्षिणी व्हाइल नाइल प्रांत में कम से कम 316 बच्चे, जिनमें से ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के थे, कुपोषण या संबंधित बीमारियों से मर गए. उसने कहा कि पिछले आठ महीनों में 2,400 से अधिक बच्चों को गंभीर कुपोषण – कुपोषण का सबसे घातक रूप – के साथ अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
पूर्वी कादरिफ प्रांत में, अप्रैल और जुलाई के बीच सरकार द्वारा संचालित बाल अस्पताल में कुपोषण से कम से कम 132 बच्चों की मौत हो गई.