पाक ने तोड़ा दकियानुशी रिवाज, तलाक़शुदा या विधवा हिन्दू महिलाओं को दिया फिर से जीने का हक
कोलकाता टाइम्स
पहली बार पाकिस्तान में दिखा ऐतिहासिक बदलाव। अब इस देश के तलाक़शुदा या विधवा हिंदू महिलाएं फिर से शादी के बंधन में बांध सकेंगी। सिंध प्रांत में तलाकशुदा या विधवा हिंदू महिलाओं को प्रांतीय विधानसभा द्वारा किए गए संशोधन के तहत यह अधिकार दी गई है। मीडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इससे पहले, तलाकशुदा या विधवा हिंदू महिलाओं को दूसरी शादी की इजाजत नहीं थी।
दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, सिंध हिंदू विवाह (संशोधन) विधेयक 2018 न सिर्फ पति-पत्नी को अलग होने का अधिकार देता है बल्कि पत्नी और बच्चों की वित्तीय सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता नंद कुमार ने इस विधेयक को पेश किया था और मार्च में इसे विधानसभा ने पारित किया था।
कानून के मुताबिक, ‘‘हिंदू विवाह, चाहे यह इस कानून के लागू होने के पहले हुआ हो या बाद में, के दोनों पक्ष अदालत में अर्जी दायर कर न्यायिक अलगाव का आदेश देने का अनुरोध कर सकते हैं।’’ इस कानून के तहत हिंदू समुदाय के सदस्यों में निर्धारित न्यूनतम आयु से कम उम्र में शादियों पर प्रतिबंध होगा। नंद कुमार ने कहा कि हिंदू समुदाय जबरन धर्मांतरणों और बहुत कम उम्र में लड़कियों की शादी का विरोध करता रहा है। इस कानून ने हिंदू समुदाय में नाबालिगों की शादी पर पाबंदी लगा दी है।