शादी-ब्याह: बढ़ता दिखावा-घटता अपनापन
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–डॉ सत्यवान सौरभ भौतिकता की पराकाष्ठा के समय में जिसमें प्रत्येक कार्य व रिश्तों को धन की बुनियाद पर खड़ा किया जाने लगा है और वो सम्पूर्ण मानव जाति के लिये घातक कदम साबित हो रहा हैं सम्प्रति विवाहों में धन का प्रदर्शन किन-किन तरीकों से होने लगा है सब कल्पनातीत है, आज इंसान को […]Continue Reading