ईश्वर नहीं मां की गलतियों से पैदा होते है किन्नर
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कोलकाता टाइम्स समय बदल रहा है। दकियानुशी मान्यताओं को छोड़ अब हम और हमारा समाज आगे बढ़ रहें है। खासकर समाज के उन इंसानों को अपना रहे हैं जो कभी समाज से बिछड़ गए थे। ईश्वर का श्राप मान जिन्हे हम अछूता बना रखा था। हम बात कर रहे हैं किन्नरों यानि ट्रांसजेंडरों की। अब लोगों के मन […]Continue Reading